20 घंटें से 50 गांवों की बत्ती गुल, अफसरों के मोबाइल रहे स्विच ऑफ
उमस व गर्मी से जनजीवन बेहाल ग्रामीणों की नींद हराम --------------------- संसू हलधरमऊ (ग
उमस व गर्मी से जनजीवन बेहाल, ग्रामीणों की नींद हराम
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संसू, हलधरमऊ (गोंडा): बालपुर बाजार बिजली उपकेंद्र क्षेत्र के 50 गांव में 20 घंटों से बिजली आपूर्ति न होने से 20 लाख को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उमस भरी गर्मी में लोग बिलबिलाने को विवश हैं। अधिकारियों के फोन नहीं मिल रहे हैं। इससे लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार की रात 9 बजे से बिजली अचानक गुल हो गई और पूरी रात बिजली नहीं आई मंगलवार शाम तक आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। बालपुर बाजार, बालपुर हजारी, छिटना पुर, झलिया, वृत्तिया, भटपुरवा, रेरुवा ,नकहा बसंत, हरसिंहपुर, हरिया गाढ़ा, गोगिया, सोनहरा, पुरे संगम समेत 50 गांव में लोग गर्मी के वजह से रात भर रतजगा करते रहे। छतों व बाग बगीचों में टहल कर लोगों ने रात काटी। इसके अलावा बिजली से चलने वाले छोटे-मोटे उद्योग धंधे भी ठप रहे।
उपभोक्ताओं के बोल : संजय मिश्र, विनोद तिवारी एडवोकेट, संतोष तिवारी, राम सजन यादव, ओम प्रकाश मिश्र, आशू सिंह का कहना है कि पावर हाउस पर तैनात अधिकारी-कर्मचारी मोबाइल नहीं उठाते हैं। यही नहीं, इस उप केंद्र में सबसे बड़ी कमी यह है कि बिजली कब आएगी कब जाएगी इसका कोई निर्धारित शेड्यूल भी नहीं है।
बोले अवर अभियंता :बालपुर उपकेंद्र के अवर अभियंता केडी वर्मा को फोन किया गया तो उनका मोबाइल बंद मिला। लाइनमैन ने बताया कि 33000 हाईटेंशन की लाइन में खराबी आ जाने के कारण दिक्कत आई है। उसे दूर किया जा रहा है।
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हर दिन फुंक रहे छह ट्रांसफार्मर, बढ़ी परेशानी
संसू, गोंडा : जून के पहले सप्ताह में उमस व गर्मी बढ़ी है। इसमें बिजली कटौती उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब है। छह से आठ घंटे बत्ती गुल रहती है। लोगों को रतजगा करना पड़ रहा है। ओवरलोड ट्रांसफार्मर और भी मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। हर दिन छह ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं। इन्हें बनने में तीन से चार दिन का समय लगता है। इन दिनों में लोगों को अंधेरे में गुजर करना पड़ रहा है।
बिजली विभाग ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करने का दावा कर रहा है लेकिन, यहां स्थिति बदतर है। विद्युत कार्यशाला खंड के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले 15 दिनों में 100 ट्रांसफार्मर फुंक चुके हैं। 22 मई से सात जून के बीच दस, 25, 63 केवीए के ट्रांसफार्मर खूब फुंके हैं। इससे गांवों में अंधेरा फैल जाता है। कई जगह निर्धारित समय में ट्रांसफार्मर नहीं बदला जाता है। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोग वितरण खंड के उपकेंद्र से लेकर कार्यशाला खंड तक चक्कर लगाने को विवश होते हैं। इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान करने में दिलचस्पी नहीं ली जाती है। इधर, बिजली की डिमांड भी बढ़ी है। कार्यशाला खंड के अधिशासी अभियंता एसके साहू ने बताया कि ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायत मिलने पर उसे दुरुस्त कराया जाता है। निर्धारित समय में आपूर्ति बहाल किया जाता है।