टुकड़े में बांटी परियोजना, ग्राम पंचायत का छीना हक
इन परियोजनाओं पर हुए कार्य की सूक्ष्मता से परीक्षण कराकर नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है। इन परियोजनाओं पर करीब 31 लाख रुपये खर्च कि
गोंडा : एक ही गांव में एक ही तरह के कार्य सात परियोजनाओं पर कराने का दावा किया गया। एक ही गांव में कार्य होने के कारण ये काम ग्राम पंचायत भी करा सकती थी लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। किसी भी मस्टर रोल पर श्रमिक के हस्ताक्षर नहीं पाए गए, सभी पर एक ही तरह के अंगूठे के निशान लगे हुए थ। इससे ये स्पष्ट होता है कि बिना कार्य कराए ही फर्जी अभिलेख तैयार करके भुगतान कर दिया गया। ये टिप्पणी अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार की अगुवाई वाली जांच कमेटी ने कटराबाजार की ग्राम पंचायत गोड़वा में गो आश्रय केंद्र पर समतलीकरण व रिटेनिग वॉल निर्माण की जांच रिपोर्ट में की है। कमेटी के मुताबिक जांच के दौरान कार्य स्थल पर न तो सूचना पट स्थापित किया गया था और न ही उपस्थित अधिकारी/कर्मचारी परियोजना को लेकर विस्तृत जानकारी दे सके। यहां सात परियोजनाओं पर 75 लाख 72 हजार 488 रुपये खर्च किए गए हैं। लेकिन, जांच कमेटी को सिर्फ तीन परियोजनाओं के अभिलेख मिल सके। कमेटी ने इन परियोजनाओं पर खर्च की गई धनराशि 44 लाख छह हजार 409 रुपये को सरकारी क्षति मानते हुए तत्कालीन बीडीओ समेत पांच कर्मियों से रिकवरी प्रस्तावित की है।
पांच परियोजनाओं की डीएम कराएं जांच:-अपर आयुक्त ने गोड़वा गांव में समतलीकरण व रिटेनिग वॉल निर्माण से जुड़ी पांच परियोजनाओं की जांच जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा/डीएम से स्वयं के निर्देशन में कराने की अनुशंसा की है। इन परियोजनाओं पर हुए कार्य की सूक्ष्मता से परीक्षण कराकर नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है। इन परियोजनाओं पर करीब 31 लाख रुपये खर्च होंगे।