अब ड्रोन बनेगा अन्नदाता का साथिया
गोंडा गोंडा समेत सात कृषि विज्ञान केंद्रों में शुरू हुआ ड्रोन का प्रदर्शन समय की बचत के साथ कम होगी लागत।
वरुण यादव, गोंडा : खेतों में फसल की निगरानी हो या फिर दवा का छिड़काव। अब किसानों को श्रमिक के साथ ही निगरानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। खेतों की रखवाली व दवा छिड़काव के लिए अब ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। प्रयोग के तौर पर ये सुविधा कृषि विज्ञान केंद्रों में देने का फैसला किया गया है। गोंडा समेत सात जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों में ड्रोन का प्रदर्शन शुरू हो गया है। इनसेट
ड्रोन से क्या होंगे फायदे - ड्रोन में लगे उच्च क्षमता वाले कैमरे से फसलों की देखभाल आसानी से हो जाएगी। इसके उपयोग से फसलों में घुलनशील पोषक तत्वों का छिड़काव आसानी से, कम समय में और बिना किसी जोखिम के किया जा सकता है। लंबाई या ऊंचाई वाली फसल, गन्ना, बाजरा, ज्वार, मक्का या फलदार बाग में लगे पेड़ों पर ड्रोन की मदद से कम समय में, आसानी से दवा छिड़काव होगा। दस मिनट में हुई नैनो यूरिया का छिड़काव - कृषि विज्ञान केंद्र गोपालग्राम में ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। एक एकड गेंहू में मात्र 10 मिनट में नैनो यूरिया का छिड़काव किया गया। दस लीटर क्षमता के ड्रोन की बैट्री एक बार चार्ज होने पर 30 मिनट कार्य करती है। बैट्री दस मिनट में चार्ज हो जाती है। ड्रोन की कीमत करीब चार लाख रुपये है। प्रगतिशील किसानों ने ड्रोन से दवा छिड़काव व अन्य कार्य का प्रदर्शन देखा। जल्द सभी केंद्रों पर होगा ड्रोन का प्रदर्शन
- प्रयागराज, रायबरेली, सुलतानपुर, लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़ व गोंडा के कृषि विज्ञान केंद्र का चयन ड्रोन प्रदर्शन के लिए किया गया है। जल्द ही अन्य जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों पर ड्रोन का प्रदर्शन होगा। - वक्त के साथ खेती का तौर-तरीका भी बदल रहा है। ड्रोन के जरिए फसलों में दवा छिड़काव व निगरानी की व्यवस्था बेहतर हो सकती है। कृषि विज्ञान केंद्र में ड्रोन का सफल प्रदर्शन हुआ है।
- डा. उपेंद्रनाथ सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र गोपालग्राम गोंडा