चार पहिया वाहन और पक्का मकान, फिर भी प्रधानजी मेहरबान
पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत बनाई गई पात्रता सूची में फर्जीवाड़ा शुरू हुई जांच
वरुण यादव, गोंडा :
नवाबगंज के लोलपुर की शिवदानी का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बनाई गई पात्रता सूची में दर्ज है। जब गांव में स्थलीय जांच कराई गई तो इनके पास पहले से ही पक्का मकान बना मिला। यहीं के उर्मिला देवी को भी आवास देने के लिए सूची में नाम शामिल किया गया है। जबकि इनके घर में चार पहिया वाहन के अलावा ट्रैक्टर भी है। ये चंद मामले तो सिर्फ बानगी हैं। इस गांव के 50 लोगों की सूची में शामिल 26 लोग अपात्र पाए गए हैं। सरकारी बेघर गरीबों को पक्का घर देने के लिए पात्रों को चिह्नित किया जा रहा है। गांव में सियासी गणित बिठाने के लिए प्रधान अपात्रों का नाम भी शामिल कराने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। शासन के निर्देश पर हो रही जांच में अब तक सूची में शामिल 8787 अपात्रों का राजफाश हो चुका है। इनका नाम हटाने की कार्यवाई शुरू हो गई है।
इनसेट
योजना के तहत आवेदन पर एक नजर
-1054 ग्राम पंचायतों से मांगे गए थे आवेदन,16 ब्लॉकों में लगाया गया था कैंप,1.16 लाख ग्रामीणों ने कराया था पंजीकरण,1.04 लाख आवदेकों की हुई थी जियो टैगिग,1.01 लाख आवेदकों के फीड हुए आधार नंबर,8787 आवेदक जांच में मिले अपात्र,4875 नाम पात्रता सूची से हटाए गए।
कितनी मिलती है धनराशि : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत प्रत्येक चयनित व्यक्ति को आवास निर्माण के लिए तीन किस्तों में 1.20 लाख रुपये दिए जाते हैं। पहली किस्त 40 हजार, दूसरी 70 हजार व तीसरी किस्त 10 हजार रुपये की भुगतान की जाती है। इसके अलावा मनरेगा से आवास निर्माण के लिए 90 दिवस की मजदूरी का भी भुगतान किया जाता है।
जिम्मेदार के बोल
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छूटे हुए लाभार्थियों के पात्रता का सत्यापन कराया जा रहा है। अब तक आठ हजार से अधिक अपात्र चिन्हित हुए हैं। जिनका नाम सूची से हटाया जा रहा है।
-सेवाराम चौधरी, परियोजना निदेशक डीआरडीए गोंडा