33 मजरे बाढ़ की चपेट में, रिग बांध पर खतरा बरकरार
सौर ऊर्जा संचालित कैमरों को रखें एक्टिव आयुक्त
गोंडा : घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से 33 मजरे बाढ़ की चपेट में हैं। साथ ही रिग बांध पर कटान का खतरा बरकरार है। इस बीच शुक्रवार को मंडलायुक्त एसवीएस रंगाराव ने सकरौर-भिखारीपुर तटबंध तथा घाघरा नदी की कटान से प्रभावित विशुनपुरवा गांव का निरीक्षण किया। उन्होंने बनाए गए रिग बांध को भी देखा। आयुक्त ने निर्देश दिए कि सोलर एनर्जी से संचालित सीसी कैमरों को व्यवस्थित कर दिया जाए ताकि कैमरे एक्टिवेट रहकर कार्य कर सकें। इस बीच बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों का पलायन जारी है। प्रशासन सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है। आयुक्त ने ग्रामवासियों से बात करके उनकी समस्याओं व प्रशासनिक सहायता के बारे में जानकारी ली। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बीएन शुक्ल ने आयुक्त को बताया कि तटबंध के कटान स्थल के दोनों तरफ मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। 24 घंटे शिफ्टवार ड्यूटी लगाकर पेट्रोलिग कराई जा रही है। रिग बांध पर नजर रखी जा रही है। आयुक्त ने श्रमिकों से भी बातचीत की। प्रवासी तथा अकुशल श्रमिकों को भी कार्य पर लगाने के निर्देश दिए। एसडीएम तरबगंज राजेश कुमार ने बताया कि नावें लगाकर दोनों तरफ के बाढ़ प्रभावित लोगों तक राशन पहुंचाया गया है।
उमरीबेगमगंज : घटते-बढ़ते जलस्तर के बीच ऐलीपरसौली में बाढ़ का कहर जारी है। 33 मजरे पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। 69 परिवार अब तक पलायन कर चुके हैं। विशुनपुरवा के पास बनाए गए रिग बांध की हालत नाजुक बनी हुई है। ग्रामीणों की मानें तो रिग बांध पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। सहायक अभियंता बाढ़ कार्य खंड प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि जलस्तर धीरे धीरे कम हो रहा है, जिससे कोई खतरा नहीं है।