योजनाएं धड़ाम, बेसहारा पशु ले रहे जान, कागजों में व्यवस्था तमाम
गोंडा बेसहारा पशुओं के संरक्षण के लेकर चलाई जा रही योजनाएं परवान नहीं चढ़ पा रही हैं।
संसू, गोंडा : बेसहारा पशुओं के संरक्षण के लेकर चलाई जा रही योजनाएं परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। हर चौराहे व मार्ग पर बेसहारा पशु घूम रहे हैं। इनके संरक्षण को लेकर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। ऐसे में बेसहारा पशुओं के हमले से लोगों की जान जा रही है। बीते 15 दिनों के भीतर दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अतिरिक्त करीब छह चोटिल हो चुके हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार खामोश हैं। इंटरनेट मीडिया से लेकर अन्य माध्यमों के जरिए इस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, इसके बाद भी कार्रवाई के नाम पर सिफर है।
पेश है रिपोर्ट: अरे भाई बचके जाइए
- गोंडा-लखनऊ हाईवे पर बिजली दफ्तर को जाने वाले मोड़ पर बेसहारा पशु सड़क पर ही बैठे हुए थे। कलेक्ट्रेट की ओर से आ रहा एक बाइक सवार टकराते-टकराते बचा। इस पर लोगों ने एक दूसरे को बचके रहने की सलाह दी। राजकीय बालिका इंका के सामने सड़क के दोनों तरफ बेसहारा पशु बैठे रहते हैं। स्थानीय लोगों का कहना था कि कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई नहीं सुन रहा है। यही हाल, सरकुलर रोड का भी है। यहां पर भी मुख्य मार्ग पर बेसहारा मवेशी घूमते है। जिला अस्पताल में बेसहारा पशु तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। महिला अस्पताल में वार्ड तक में बेसहारा पशु घूम रहे हैं। इससे लोगों को दिक्कत हो रही है। यहां पर बेसहारा मवेशियों का पूरा अड्डा बन गया है।
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पब्लिक के बोल
- सिविल लाइंस के राहुल का कहना था कि बेसहारा पशुओं के लिए नगर में कम से कम एक गोशाला बनवाया जाना आवश्यक है। इसके लिए अधिकारियों को प्रयास करना चाहिए। पटेलनगर के अंकित का कहना था कि जिस तरह से गांवों में गोशाला बनवाई गई है, उसी तरह नगर में भी प्रबंध किए जाएं।
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- नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी संजय मिश्र का कहना है कि नगर में गोशाला स्थापित कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से जानकारी की जा रही है।