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अनुभव का पता नहीं, बन गए प्रशिक्षक

गोंडा : सरकार योग को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए आयुर्वेदिक महकमे ने गोंडा जिले में द

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 11:21 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 11:21 PM (IST)
अनुभव का पता नहीं, बन गए प्रशिक्षक
अनुभव का पता नहीं, बन गए प्रशिक्षक

गोंडा : सरकार योग को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए आयुर्वेदिक महकमे ने गोंडा जिले में दो योग वेलनेस सेंटर संचालित कर रखा है। यहां पर लोगों को योग सिखाने के लिए एक योग प्रशिक्षक व एक सहायक की तैनाती की गई है। इनकी तैनाती में विभाग ने नियमों को ताक पर रख दिया। मामला खुलने के बाद विभागीय अधिकारी अब जानकारी न होने की बात कह रहे हैं।

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कैसे हुआ राजफाश

उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी ने प्रदेश के सभी सेंटरों पर संविदा पर कार्यरत योग प्रशिक्षकों व योग सहायकों के शैक्षिक प्रमाणपत्र व अनुभव प्रमाणपत्र का सत्यापन कराया। जिसमें पाया गया कि गोंडा जिले के पड़रीकृपाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत संविदा योग प्रशिक्षक निर्मला गुप्ता का पीजी डिप्लोमा शासनादेश के अनुसार मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के सापेक्ष निजी संस्था का है। इनके पास तीन साल का अनुभव प्रमाणपत्र भी नहीं है। यहीं पर कार्यरत योग सहायक ओंकार के अभिलेखों में भी तीन साल का अनुभव प्रमाण पत्र नहीं मिला। सोसाइटी के मिशन निदेशक आरएन वाजपेयी के पत्र के मुताबिक संबंधित कर्मी निर्धारित अर्हता पूरी नहीं करते हैं। इसकी रिपोर्ट प्रमुख सचिव, निदेशक व डीएम को भेजी गई है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

पूरा मामला संज्ञान में है। जिस वक्त यह नियुक्ति हुई थी, उस वक्त इस बात की जानकारी ही नहीं हुई थी। इस वजह से ऐसा हुआ है। मैं, दो दिन पहले लखनऊ गया था। उच्चाधिकारियों के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।

- डॉ. शिवाजी ¨सह, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी


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