कोरोना से जीते, फाइब्रोसिस की चपेट में आ गए
70 में से 30 फाइब्रोसिस की चपेट में इलाज में जुटे चिकित्सक
गोंडा: कोरोना पॉजिटिव आने के बाद महाराजगंज निवासी एक सरकारी कर्मी को कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया। इलाज के बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इसके बाद भी उनकी समस्या कम नहीं हुई। फेफड़े में निमोनिया के कारण वह बुखार से परेशान थे। ऐसे में परिवारजन उन्हें लेकर चिकित्सक के पास पहुंचे तो पाया गया कि वह फाइब्रोसिस की चपेट में आ गए हैं। अब नए सिरे से उनका इलाज शुरू किया गया है।
टीबी क्लीनिक में तैनात चेस्ट फिजीशियन डॉ. एके उपाध्याय का कहना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके 70 लोगों ने सांस फूलने, बुखार की समस्या को लेकर उनके पास आए। कुछ को खांसी आ रही थी। ऐसे में जब उनका एक्सरे कराया गया तो उसमें से 30 फाइब्रोसिस की चपेट में आने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि कुछ के फेफड़े में निमोनिया हो गया था। एक्सरे कराने पर काला धब्बा दिखाई पड़ा। यह बाद में सिकुड़ने लगता है। जिससे मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है। ऐसे में जागरूकता आवश्यक है।
क्या है फाइब्रोसिस
- कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर श्वसन तंत्र पर पड़ता है। इसमें श्वसन तंत्र की विभिन्न कोशिकाएं आने के कारण वह नष्ट होने लगती हैं। ऐसे में संबंधित को बुखार, खांसी व श्वांस लेने में परेशानी होती है।
इनका रखें ध्यान
- मास्क व शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें। गर्म पानी पीने के साथ ही बीच-बीच में भाप लेते रहें। ऑक्सीजन सेचुरेशन की समय-समय पर जांच जरूर करें। इम्युनिटी सिस्टम पर विशेष ध्यान दें।