स्कूलों के खातों में डंप धनराशि का विवरण तलब
बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को भेजा नोटिस
गोंडा : जिले में तीन हजार से अधिक विद्यालय प्रबंध समितियां (एसएमसी) हैं। इनके माध्यम से परिषदीय स्कूलों का संचालन कराया जा रहा है। इनके खातों में विभिन्न योजनाओं के मद करोड़ों रुपये आवंटित किए गए थे। यह धनराशि कहां खर्च हो रही है, कितनी धनराशि बची, इसका हिसाब सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) कार्यालय को नहीं दिया जा रहा है। इससे राज्य स्तर पर खर्च का विवरण नहीं दिया जा सका है। बीईओ भी अध्यापकों से हिसाब लेकर अधिकारियों को नहीं दे पा रहे हैं। इसको लेकर अब खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है।
सरकार परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को निश्शुल्क ड्रेस, स्वेटर के लिए बजट आवंटित करती है। इसके अलावा विद्यालयों के स्वच्छता, रजिस्ट्रेशन, अभिलेखों के रखरखाव के लिए भी धन एसएमसी के खातों में भेजा जाता है। मार्च बीत चुका है। अब गत वित्तीय वर्ष में बची धनराशि के बारे में जानकारी देनी है लेकिन, यहां अवशेष धन का विवरण नहीं दिया जा रहा है। यह स्थिति ठीक नहीं है। बावजूद इसके मनमानी चल रही है। समीक्षा में मामला सामने आने के बाद बीईओ को पत्र जारी किया गया है। बीएसए ने हिसाब न देने वालों के बारे में जानकारी मांगी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत प्रजापति ने कहा कि जो भी धनराशि का विवरण नहीं दे रहे हैं, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।