Move to Jagran APP

मुख्यमंत्री सुपोषण घर से दूर होगा कुपोषण

गोंडा: कुपोषण के खात्मे के लिए सरकार अब गंभीर हो गई है। देवीपाटन मंडल के चारों जिला

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 11:41 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 11:41 PM (IST)
मुख्यमंत्री सुपोषण घर से दूर होगा कुपोषण
मुख्यमंत्री सुपोषण घर से दूर होगा कुपोषण

गोंडा: कुपोषण के खात्मे के लिए सरकार अब गंभीर हो गई है। देवीपाटन मंडल के चारों जिलों के साथ ही अब सूबे के दस जिलों के ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री सुपोषण घर की स्थापना की जाएगी। यहां पर कुपोषण से ग्रस्त बच्चों का इलाज किया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

loksabha election banner

शासन ने कुपोषण की स्थिति को दूर करने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र के साथ ही मुख्यमंत्री सुपोषण घर का संचालन करने का निर्णय लिया है। जिसमें कुपोषित बच्चों को 14 दिनों तक रखकर उनक इलाज किया जाएगा। साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी जाएगी। इसको लेकर शासन ने स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखा है। अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. रतन कुमार का कहना है कि संबंधित जिलों को निर्देश दिए जा रहे हैँ।

कहां-कहां होगी व्यवस्था : गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर, चित्रकूट, चंदौली, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र।

जिले में कुपोषण की स्थिति : बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग जिले में 3095 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित करा रहा है। यहां चार लाख 12 हजार 873 नौनिहाल पंजीकृत हैं। शून्य से तीन वर्ष के दो लाख 38 हजार 160 बच्चों का वजन कराया गया, जिसमें 16 हजार 635 नौनिहाल अतिकुपोषित व 29 हजार 950 कुपोषित पाए गए। इसी तरह चार व पांच वर्ष के एक लाख 74 हजार 714 बच्चों का वजन कराया गया। 10 हजार 160 अतिकुपोषित व 20 हजार 690 कुपोषित पाए गए।

क्या मिलेंगी सुविधाएं

- मुख्यमंत्री सुपोषण घर समुदाय के समीप स्थित सीएचसी पर स्थापित किया जाएगा।

- बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग के माध्यम से डिस्चार्ज होने वाले मामलों का फालोअप भी किया जाएगा।

- सुपोषण घर मातृ एवं शिशु पोषण सहित देखभाल संबंधी परामर्श केंद्र के तौर पर काम करेगा।

- सुपोषण घर पर प्रभारी चिकित्साधिकारी की देखरेख में बच्चों के सेहत की जांच होगी।

- मुख्यमंत्री सुपोषण घर पर बच्चों को 14 दिनों के लिए रखा जाएगा।

- यहां पर भर्ती होने के बाद प्रत्येक 15 दिन पर चार बार फालोअप के लिए बच्चों को मुख्यमंत्री सुपोषण घर पर आना होगा।

- मुख्य सेविका द्वारा प्रतिमाह 5 से सात बार आंगनबाड़ी केंद्रों का पर्यवेक्षण किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.