दावेदार बेकरार, आरक्षण के लिए शासनादेश का इंतजार
गोंडा पंचायत चुनाव में आरक्षण के लिए चक्रानुक्रम लागू हो या फिर आरक्षण शून्य कर दिया जाए
गोंडा: पंचायत चुनाव में आरक्षण के लिए चक्रानुक्रम लागू हो या फिर आरक्षण शून्य कर दिया जाए। दोनों ही स्थिति में सियासी गणित बदलना तय माना जा रहा है। ऐसा इसलिए कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर पुनर्गठन के बाद अस्तित्व में आई 160 नई ग्राम पंचायतों के आरक्षण का फैसला भी होना है। आरक्षण के गुणा-गणित में शामिल नई ग्राम पंचायतों ने रणनीतिकारों की मुश्किलें बढ़ा दी है। संभावनाओं पर चर्चा के बाद उनकी बात आरक्षण के शासनादेश पर ही अटक जाती है। फिलहाल, शासनादेश का इंतजार दावेदारों की धड़कनें बढ़ा रहा है। अपर जिला पंचायत राज अधिकारी हेमचंद यादव का कहना है कि आरक्षण को लेकर अभी कोई शासनादेश नहीं आया है।
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पांच वर्ष का जुटा रहे डाटा
-जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख पद का आरक्षण तय करने के लिए पहले ही पांच वर्ष के आरक्षण का डाटा निदेशालय मंगवा चुका है। अब ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के आरक्षण को लेकर फाइलें खंगाली जा रही हैं। सूचनाओं की फीडिग के बाद मिलान के लिए अधिकारी व कर्मचारी तहसीलवार लगाए गए हैं। सूची से मिलान के बाद डाटा अपडेट किया जाएगा।
संभावित दावेदार लगा रहे चक्कर
- गांवों में पंचायत चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। अब सभी की नजरें आरक्षण पर टिकी हुई हैं। आरक्षण तय होने के बाद किसी के अरमान टूटेंगे तो किसी के लिए उम्मीदों के नए द्वार खुलेंगे। फिलहाल, आरक्षण का पता लगाने के लिए संभावित दावेदार विकास भवन के चक्कर लगा रहे हैं। कोई शासनादेश के बारे में पूछ रहा है तो कोई सीट के आरक्षण की संभावना के बारे में जानकारी करता दिखा। जनहित कार्यों को लोगों को बताएं कार्यकर्ताओं के बूते आगामी पंचायत चुनाव पार्टी लड़ेगी, वह जीतेगी भी। हमें बस केंद्र व प्रदेश सरकार के जनहित कार्यों की सही जानकारी होनी चाहिए ताकि, हम लोगों को भी बता सकें।
यह बात टाउन हाल में पंचायत चुनाव को लेकर आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले स्थानीय व ग्राम निकाय को जो वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होती थी वह अब चार गुना हो चुकी है। मोदी का एकमात्र लक्ष्य है देश के गांव को मजबूत करना, स्वस्थ करना व शिक्षित करना। केंद्र सरकार अंत्योदय के माध्यम से 80 करोड़ लोगों को खाद्यान्न दे रही है। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के लगभग पांच लाख परिवारों को किसान सम्मान निधि उपलब्ध कराया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यहां पर उपस्थित हम सभी लोग दो परिवारों से हैं। पहला वह जिसमें हमने जन्म लिया और दूसरा हमारा विचार परिवार।