नहर बन गई नाली, झाड़ियों की हरियाली
गोंडा : हर खेत तक पानी की सुविधा पहुंचाने की कोशिशें सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह ग
गोंडा : हर खेत तक पानी की सुविधा पहुंचाने की कोशिशें सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गईं। सदर तहसील में नहरों की तस्वीर एकदम धुंधली है। झाड़ियां माइनर व रजवाहे के वजूद पर संकट बनी हुई हैं। सिल्ट सफाई तो दूर जंगली घास तक की कटाई नहीं हो सकी। कई जगह गैप होने से नहर में अभी तक पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंच सकी। अब सवाल ये है कि जब नहरों के ये हालात हैं तो ¨सचाई कैसे होगी। जयप्रभाग्राम : क्षेत्र के जानकीनगर राजवाहा से अचल नगर होते हुए भवानीपुर खुर्द से निकली माइनर में बनने के 6 वर्ष बाद भी किसानों को बूंद भर पानी नहीं मिला। जमुनही चांदभानपुर माइनर की हालत बद से बदतर है। यह जगह-जगह चोक हो गयी है। पानी न आने से ग्राम पंचायत देवतहा, ठकुराइन पुरवा, केवलपुर, भवानीपुर खुर्द, जनकौरा, माली पुरवा, गुरुदत्त पुरवा, चांद भानपुर, कंचनपुर, जमुनही हरदोपट्टी, महादेवा कला, तिवारी पुरवा, अर्जुनपुर, बिनोहनी आदि गांव के किसान परेशान हैं। धानेपुर : क्षेत्र की नहरें सूखी हैं। सरयू नहर खंड दो के अलावल देवरिया पारासराय नहर पर एक वर्ष से पानी नहीं छोडा गया। इससे नौवागांव, मतवरिया, रुद्रगढनौसी सहित एक दर्जन ग्राम पंचायतों के किसानों को नहर का लाभ नहीं मिल सका। सरयू नहर खंड चार के राजापुर माइनर में घास उगी हुई हैं। रेतवागाडा, राजापुर, त्रिभुवननगर, देवरदा आदि गांवों के किसानों को ¨सचाई की सुविधा नहीं मिल रही। आर्यनगर : क्षेत्र के मल्लापुर, गौसिहा, कंचनपुर, सेमरा, फरेंदा शुक्ल, गुर्जीगंज, नान्हूपुरवा, रुकमंगदपुर, पिपरी, बराराय, तुर्कपुरवा आदि गांवों के किसानों को ¨सचाई की सुविधा के लिए सरयू नहर खंड चार की शाखा से कल्यानपुर माइनर निकाली गई थी। माइनर की खुदाई का लेवल समान न होने के कारण अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच सका। तब से विभाग द्वारा प्रयास भी नहीं किया गया।