स्टेशन की कहानी, सुविधाओं की बात बनी बेमानी
गोंडा: यात्रियों के बैठने के लिए लगा बेंच टूटा है। हैंडपंप खराब है। शौचालय निष्प्रयोज्य है।
गोंडा: यात्रियों के बैठने के लिए लगा बेंच टूटा है। हैंडपंप खराब है। शौचालय निष्प्रयोज्य है। यही नहीं उजाले की समुचित व्यवस्था नहीं है। ट्रेन की समय सारिणी एवं किराया सूची नदारद है, जिससे यात्रियों को समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है।
बात हो रही है हाल्ट रेलवे स्टेशन भवानीपुर कलां की। पहले इसको रेलवे स्टेशन का दर्जा प्राप्त था। तीन लाईनें थीं। आय कम होने के कारण रेल विभाग ने वर्ष 2007 में रेलवे स्टेशन समाप्त कर दिया और इसे ठेका पर कर दिया गया। यात्रियों को शुद्ध पेयजल के लिए चार इंडिया मार्का हैंडपंप लगवाया गया, जिसमें तीन खराब हैं जो संचालित हैं उनका चबूतरा नहीं बनवाया गया है। गंदा पानी जमा रहता है। शौचालय निष्प्रयोज्य है। जंगली घास फूस से घिरा है। उजाले की समुचित व्यवस्था नहीं है। आने-जाने वाले यात्रियों को बैठने के लिए चार बेंच लगवाया गया है वह भी टूटी है। ठंडी हो या गर्मी यात्रियों को बैठने के लिए छांव की व्यवस्था नहीं है। किराया सूची गायब है, जिससे यात्रियों को किराये की जानकारी नहीं हो पाती है। ट्रेन आवागमन की समय सारिणी नहीं चस्पा है। जबकि इससे पहले यहां सभी सुविधाएं मौजूद थीं। यहां उजाले के लिए बिजली की व्यवस्था है लेकिन लाइट जाने के बाद रात में अंधेरा छा जाता है। बाउंड्रीवाल न होने से अराजक तत्व आते-जाते रहते हैं। यात्रियों को आने-जाने के लिए चार पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं। स्टेशन अभिकर्ता रिमझिम त्रिपाठी के सहायक राम प्रताप त्रिपाठी ने बताया कि यहां बहुत सी समस्याएं हैं। यहां ऐसे किसी भी यंत्र की व्यवस्था नहीं है। जिससे ट्रेनों का लोकेशन समय से मिल सके, फिर भी अपने स्तर से समस्याओं का निदान किया जा रहा है।
सर्वेश तिवारी ने बताया कि लाइट की व्यवस्था न होने से रात को यात्रियों को आने-जाने में काफी समस्या झेलनी पड़ रही है। राम मिलन ने बताया कि यहां शुद्ध पानी पीने की न तो व्यवस्था है और न बैठने के लिए बेंच लेकिन यात्रियों की समस्या का निदान करने वाला कोई नहीं है। यदि यहां रेलवे स्टेशन बहाल हो जाता तो शायद कुछ समस्याएं कम हो जातीं। मीना कुमारी ने बताया कि यहां शौचालय तो बना है लेकिन वह निष्प्रयोज्य है। उसमें सांप बिच्छू निवास कर रहे हैं। राम मिलन का कहना है कि यहां से गोंडा, लखनऊ, बलरामपुर, बढ़नी सहित अन्य शहरों के लिए हजारों लोगों का आवागमन प्रतिदिन रहता है लेकिन सुविधा न मिलने से लोग परेशान हैं।