पीएफ घोटाले के आरोपितों पर गैंगस्टर लगाने की तैयारी
जांच में मिली 1.90 करोड़ रुपये की गड़बड़ी चार आरोपितों पर कसेगा शिकंजा
गोंडा: नगर पालिका परिषद के कर्मियों के पर्सनल फंड पीएफ में घोटाले का मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। इससे संबंधित मुकदमे की जांच में पुलिस को अब तक एक करोड़ 90 लाख रुपये की गड़बड़ी मिली है। इस मामले के आरोपितों पर पुलिस गिरोहबंद अधिनियम के तहत शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। जांच में मिली 1.90 करोड़ रुपये की गड़बड़ी, चार आरोपितों पर शिकंजा कसा जाएगा।
वर्ष 2020 में नगर पालिका परिषद में कर्मचारियों के पीएफ में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी का मामला आया था। इसके बाद तत्कालीन अधिशासी अधिकारी विकास सेन ने एसपी को पत्र लिखा था। जांच में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद नगर कोतवाली में मुकदमा किया गया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब तक इस मामले में तीन को पुलिस जेल भेजने का दावा कर रही है।
मामले की जांच कर रहे विवेचनाधिकारी राजेश मिश्र का कहना है कि पालिका के अभिलेख व बैंक के कागजात की जांच की गई। इसमें पाया गया कि पालिका के लिपिक ने अपनी पत्नी तो बैंक के कर्मचारी ने अपने भाई के खाते में पीएफ की धनराशि स्थानांतरित की है। इस मामले में अब तक एक करोड़ 90 लाख रुपये की हेराफेरी निकलकर आई है। यह धोखाधड़ी पूरी तरीके से एक साजिश के तहत की गई है।
ऐसे में, आरोपितों पर गिरोहबंद अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की तैयारी है। पालिका के सभासद शेष चौरसिया का कहना है कि यह कर्मचारियों के हितों से जुड़ा मामला है। प्रशासनिक अधिकारियों को तह तक इसकी पड़ताल करनी चाहिए।