स्वच्छता अभियान के 7.30 करोड़ रुपये का हिसाब गुम
जिले की एक भी ग्राम पंचायत ने उपलब्ध नहीं कराया मदवार का खर्च ब्योरा
गोंडा : खुले में शौच मुक्त गांव की मुहिम को साकार करने के लिए गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। कम बजट वाली 357 ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के लिए 7.30 लाख रुपये ग्राम पंचायतों के खाते में डेढ़ माह पूर्व भेजे गए थे। मदवार खर्च का विवरण एक पक्ष के भीतर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था लेकिन, अभी तक एक भी गांव का हिसाब विभाग को नहीं मिल सका है।
गांवों में जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराने के निर्देश दिए थे। मॉडल स्टीमेट की स्वीकृति के बाद पंचायतों को स्थानीय आवश्यकतानुसार सार्वजनिक स्थल पर शौचालय का निर्माण कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिले में 1054 ग्राम पंचायतों में से अभी करीब दो सौ शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो सका है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत उपलब्ध कराए गए बजट के खर्च का हिसाब अभी ग्राम पंचायतें नहीं दे पा रही हैं। डीपीआरओ सभाजीत पांडेय का कहना है कि सभी ब्लॉक के एडीओ पंचायत को उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
चयनित ग्राम पंचायत को मिले थे 2.10 लाख रुपये
- सामुदायिक शौचालय ग्राम पंचायत में उपलब्ध बजट के अनुसार दो, चार व छह यूनिट का शौचालय बनवाने के निर्देश दिए गए थे। बैंक खाते की पड़ताल में करीब चार सौ ग्राम पंचायतों में आवश्यकता से कम बजट उपलब्ध मिला। अलग-अलग अनुदान निधि से दो किस्तों में 357 ग्राम पंचायतों को बजट उपलब्ध कराया गया।
किस ब्लॉक की कितनी ग्राम पंचायतों को मिला था बजट
- विकासखंड रुपईडीह में 22, झंझरी 11, इटियाथोक 22, बभनजोत 15, बेलसर 17, कर्नलगंज 26, कटराबाजार 21, मुजेहना 16, मनकापुर 44, हलधरमऊ 15, पंडरीकृपाल 25, परसपुर 11, छपिया 32, वजीरगंज 23, तरबगंज 12 व नवाबगंज में 36 ग्राम पंचायतों को धनराशि आवंटित की गई थी।