जांच की जद में 67 राजकीय शिक्षक, अभिलेखों का होगा सत्यापन
विश्वविद्यालयों को सत्यापन शुल्क न अदा करने पर फंसी जांच
गोंडा : माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक जांच की जद में हैं। 67 राजकीय शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का एक बार फिर से सत्यापन कराया जा रहा है। विश्वविद्यालयों को प्रपत्र भेजा गया है लेकिन, विश्वविद्यालयों को सत्यापन शुल्क न देने से जांच फंस गई है। अब विभाग ने बजट डिमांड को लेकर कवायद शुरू की है।
नियुक्ति में गड़बड़ी को लेकर जांच कराई जा रही है। आशंका है कि शैक्षिक अभिलेखों में हेरफेर करके नियुक्ति पत्र हासिल किया गया है। पूर्व में इनके अभिलेखों की जांच कराकर वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन, अब पुन: जांच कराया जा रहा है। इसके लिए विद्यालयवार प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व एलटी ग्रेड शिक्षकों के अभिलेख जुटाए गए हैं। सत्यापन के लिए अभिलेख संबंधित शिक्षण संस्थानों को भेजा गया है। बजट की डिमांड करने को लेकर शुरू की गई कवायद में किसी प्रकार की त्रुटि न हो। इसके लिए मॉनीटरिग कराई जा रही है।
विश्वविद्यालयों को नहीं दिया सत्यापन शुल्क
- कई विश्वविद्यालय अभिलेखों का सत्यापन करने के लिए शुल्क लेते हैं लेकिन, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने यह धनराशि नहीं दिया है। इससे सत्यापन नहीं किया गया है। पत्र भेजकर स्थिति से अवगत कराया गया है। इसके बाद अब अधिकारी हरकत में आए हैं। शासन से सत्यापन शुल्क के लिए बजट की मांग किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक अनूप कुमार ने बताया कि शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन कराया जाएगा। इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है। बजट की मांग कर रहे हैं।