गोंडा के 597 गांवों की ऑनलाइन नहीं हो सकी कार्य योजना
गोंडा जिले में 597 गांवों की ऑनलाइन कार्ययोजना नहीं बन सकी है। इसे पूरा करने के लिए 20 अप्रैल तक का समय दिया गया है।
गोंडा,जेएनएन। गांवों के विकास को लेकर कार्ययोजना बनाने में फिसड्डी अफसरों पर शिकंजा कसने लगा है। पचास फीसदी से कम प्रगति वाले जिले के अफसरों को 20 अप्रैल तक का मौका दिया गया है। निर्धारित अवधि में कार्ययोजना ऑनलाइन कराने पर संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जिले में अभी भी 597 गांवों की कार्ययोजना नहीं बन सकी है।
पंचायतीराज विभाग गांवों में विकास कार्य कराने के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना संचालित कर रहा है। इसके तहत सभी विभागों द्वारा आवंटित होने वाले बजट को ध्यान में रखकर परियोजनाओं का चयन किया जाता है। ग्राम पंचायतें प्राथमिकता के आधार पर कार्यों का चयन करके विभागीय वेबसाइट पर फीड कराती हैं। इसके बाद एक्शन सॉफ्ट के जरिए कार्य कराने के लिए परियोजनाओं की वर्क आईडी ऑनलाइन जनरेट की जाती है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 की कार्ययोजना तैयार करके फीड कराने के निर्देश अक्टूबर 2018 में दिए गए थे, लेकिन छह माह से अधिक का समय बीतने के बावजूद लक्ष्य के अनुसार कार्ययोजना नहीं बन सकी है। जिले की 1054 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष सिर्फ 497 गांव की कार्ययोजना फीड कराई गई है। जिसमें बभनजोत की 20, बेलसर 13, छपिया सात, कर्नलगंज 30, हलधरमऊ 17, इटियाथोक 57, झंझरी 40, कटराबाजार 65, मनकापुर 33, मुजेहना 32, नवाबगंज 25, पंडरीकृपाल 41, परसपुर 22, रुपईडीह छह, तरबगंज 41 व वजीरगंज की 48 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। निदेशक पंचायतीराज विभाग मासूम अली सरवर ने डीपीआरओ को 20 अप्रैल तक कार्ययोजना फीड कराने के निर्देश दिए हैं।