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57 दिन बीते, किसानों की पीड़ा सुनने नहीं पहुंचे जिम्मेदार

जबरन नहर खुदवाने का विभागीय अधिकारी बना रहे दबाव फर्जी मुकदमे में फंसाने की दी जा रही है धमकी

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 09:47 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 09:47 PM (IST)
57 दिन बीते, किसानों की पीड़ा सुनने नहीं पहुंचे जिम्मेदार
57 दिन बीते, किसानों की पीड़ा सुनने नहीं पहुंचे जिम्मेदार

गोंडा: जहां चारों तरफ नए साल को लेकर धूम मची है। लोग तरह-तरह योजनाएं बना रहे हैं वहीं सिचाई विभाग की नाफरमानी की वजह से परसागोंडरी गांव में किसान ठंड व शीतलहरी में पिछले 57 दिनों से परिवार समेत धरना दे रहे हैं।

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सरयू नहर खंड प्रथम की धनई पट्टी माइनर द्वारा मृतकों के नाम से गलत तरीके से जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया। इससे नाराज किसानों की जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो वह सपरिवार धरने पर बैठ गए। करीब दो महीने होने को हैं मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। इससे किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसानों का कहना है कि धरने के दौरान ही उन लोगों ने दीपावली मनाई। यहीं नववर्ष भी मनाएंगे। मामले का हल नहीं निकला तो आगे भी डटे रहेंगे। चाहे जान भी चली जाए। रघुनाथ मिश्र, राधेश्याम, कमलेश ने बताया कि बिना किसी मुआवजा के जमीन अधिग्रहित कर ली गई जो सरासर गलत है। कोई भी किसान जमीन देने को तैयार नहीं है। मांग किया कि फर्जी तरीके से हुए अधिग्रहण को निरस्त कर आरोपित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। नए सर्किल रेट से मुआवजा दिया जाए। चौकी प्रभारी सुनील तिवारी ने ने कहा कि धरना स्थल की निगरानी की जा रही है। अफसर दे रहे धमकी

-धरने में शामिल महिलाओं का कहना है कि नहर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा लगातार फर्जी मुकदमे लिखवा देने व जबरदस्ती नहर खोदाई करा लेने की धमकी दी जा रही है। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई है।

बीमार व बेरोजगार हो रहे लोग

-धरने में बैठी सुषमा, सुशीला, शकुंतला, रघुनाथ, राधेश्याम जहां ठंड के कारण विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं तो वहीं कमलेश, बृजेश, दिनेश, पृथ्वीनाथ, कैलाश का कहना है कि वह सब लोग अपने काम धंधों से बेरोजगार हो गए हैं। धरने पर बैठे हैं इसलिए कहीं कोई कमाई भी नहीं हो रही है।


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