728 रुपये में लगा दी गई चार सौ मीटर इंटरलॉकिग
बिना मजदूरी का भुगतान किए ही कार्य पूरा कराने का किया था दावा
गोंडा : एक दिन में चार मजदूर चार सौ मीटर इंटरलॉकिग लगा सकते हैं। अगर ये सवाल कोई आपसे पूछे तो बिना किसी झिझक जवाब सिर्फ न होगा। तरबगंज में ब्लॉक कर्मियों ने ये कारनामा कर दिखाया गया है। सिर्फ 728 रुपये मजदूरी खर्च करके इंटरलॉकिग लगवाने का दावा किया गया था। जबकि, हकीकत में उक्त कार्य दूसरे विभाग ने कराया है। विभागीय अफसर मामले से जुड़े हर बिदुओं पर पड़ताल कर रहे हैं।
तरबगंज ब्लॉक में हुए मनरेगा घोटाले की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। यहां ग्राम पंचायत विशुनपुर में हुए 12.57 लाख रुपये के गबन का मामला तो सिर्फ बानगी है। ऐसी कई ग्राम पंचायतें हैं जहां मनरेगा के धन का बंदरबांट कर्मियों ने मिलकर किया है। फिलहाल, ग्राम पंचायत विशुनपुर की जांच में एक नया राजफाश हुआ है। यहां अनुसूचित जाति की बस्ती में इंटरलॉकिग कार्य की चार परियोजनाएं स्वीकृत हुई थी। प्रत्येक परियोजना पर 3.14 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। करीब चार सौ मीटर इंटरलॉकिग के कार्य मजदूरी सिर्फ 728 रुपये भुगतान की गई है। प्रत्येक परियोजना पर एक दिवस की मजदूरी के रूप में 182 रुपये का भुगतान जॉबकार्ड धारक के खाते में किया गया है। ऐसे में यदि ब्लॉक से पड़ताल होती तो ये मामला पहले ही पकड़ जाता लेकिन, घोटाले को छुपाने के लिए मामले को दबाने की पूरी कोशिश की गई।
कन्हैयालाल को मनरेगा का चार्ज
- तरबगंज ब्लॉक में तैनात लेखाकार श्याम कुमार गबन का मुकदमा दर्ज होने के बाद लगातार अनुपस्थित चल रहे हैं। ऐसे में मनरेगा के कार्य की जिम्मेदारी ब्लॉक में तैनात लेखाकार कन्हैयालाल को सौंपी गई है। उपायुक्त श्रम एवं रोजगार हरिश्चद्र राम प्रजापति ने बताया कि संबंधित को तत्काल चार्ज लेने का आदेश दिया गया है।