सर्वशिक्षा अभियान का सच: 48 बंद, एकल शिक्षक के सहारे 276 स्कूल
अध्यापकों से विकल्प लेकर तैनाती करेंगे।
गोंडा : शिक्षा माफिया का कलंक ढो रहे गोंडा जिले में सरकारी शिक्षा व्यवस्था की स्याह तस्वीर सामने आई है। यहां शिक्षकों के अभाव में 48 विद्यालय बंद हो गए हैं जबकि 276 एकल शिक्षक के सहारे संचालित हैं। ऐसे में न सिर्फ केंद्र व प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा बल्कि, बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ भी है। हैरत की बात है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही को लेकर निगरानी तंत्र भी बेपरवाह है। उसे इस हकीकत के बारे में पता तक नहीं है।
बेसिक शिक्षा विभाग के ब्लॉकवार जुटाए गए आंकड़ों पर गौर करें तो कर्नलगंज, परसपुर, तरबगंज, कटराबाजार, मनकापुर, छपिया, बभनजोत, मुजेहना सहित अन्य शिक्षा क्षेत्र में अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अधिक है। मॉडल प्राइमरी स्कूलों में 26 प्रधानाध्यापक व 143 सहायक अध्यापक सरप्लस हैं। स्पष्ट शब्दों में कहें तो जरूरत से अधिक शिक्षक तैनात हैं। जूनियर हाईस्कूल की बात करें तो 23 हेडमास्टर व 41 मास्टर सरप्लस हैं। सामान्य परिषदीय स्कूलों में यह आंकड़ा देखें तो प्राथमिक में 37 व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 14 शिक्षक निर्धारित संख्या के सापेक्ष ज्यादा हैं। इन सबको बंद व एकल अध्यापक के सहारे चल रहे विद्यालयों में भेज देना चाहिए था लेकिन, सत्र के चार माह बाद भी प्रक्रिया अधर में हैं। अभी ब्लॉकवार आंकड़े ही जुटाए जा सके हैं। सूची बनाई जा रही है। इसके बाद अफसरों से अनुमोदन लेंगे। फिर समायोजन किया जाएगा। सेटिग के चक्कर में विद्यालय बंद हो गए। सवाल उठता है कि इस गंभीर मामले को लेकर किसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए? जिम्मेदार के बोल
- बीएसए मनिराम सिंह का कहना है कि सरप्लस शिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया गतिमान है। सूची तैयार कर ली गई है। जल्द ही तारीख निश्चित कर काउंसलिग बुलाई जाएगी। अध्यापकों से विकल्प लेकर तैनाती करेंगे। -------इस संबंध में सीडीओ आशीष कुमार बोले कि अभी इस बारे में जानकारी नहीं है। बीएसए को बुलाकर जानकारी ली जाएगी।