पांच हजार स्वयं सहायता समूहों से वापस लिए जाएंगे 25 करोड़
गोंडा : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों के एनपीए (न
गोंडा : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों के एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) खाते से कैश क्रेडिट लिमिट की धनराशि वापस ली जाएगी। गोंडा समेत अन्य जिलों के पांच हजार स्वयं सहायता समूहों से करीब 25 करोड़ रुपये वापस लिए जाएंगे। शासन ने धनराशि वापसी को लेकर समय सीमा तय कर दी है। पहले चरण में 2001 रुपये से पांच हजार तक की वसूली होगी। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन निदेशक नागेंद्र प्रसाद ¨सह ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
क्या है योजना
-गांव की गरीब महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना शुरू की गई थी। इसके तहत 12 महिलाओं का समूह गठित करके बैंक में खाते खुलवाए गए। सफल संचालन के बाद विभाग से रिवा¨ल्वग फंड के साथ ही बैंक कैश क्रेडिट लिमिट सीसीएल के तहत ऋण दिया गया था। इस धनराशि से स्वरोजगार करके नियमित लेनदेन किया जाना था। समूहों ने पैसा निकालने के बाद कोई लेन देन नहीं किया, इससे इनके खाते एनपीए हो गए।
क्या तय हुई समय सीमा -पहले चरण में ऐसे समूह जिनका एनपीए दो हजार रुपये तक है 25 दिसंबर, दूसरे चरण में पांच हजार रुपये 10 जनवरी, तीसरे चरण में दस हजार तक 25 जनवरी, 50 हजार रुपये तक 10 फरवरी, एक लाख रुपये तक एनपीए के धनराशि की वापसी 20 फरवरी व एक लाख रुपये से अधिक की धनराशि 10 मार्च तक वापस कराने की समय सीमा तय की गई है।