बोर्ड को भेजे गए 25 करोड़ के चालान की होगी जांच
विगत पांच वर्षों में चालान का होगा सत्यापन गड़बड़ी की आशंका के तहत उठाया गया कदम
गोंडा : माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के बोर्ड फीस की जांच शुरू कर दी गई है। पांच वर्षों में जमा कराए गए 25 करोड़ रुपये के चालान का कोषागार से सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए प्रधानाचार्यों से चालान की छायाप्रति तलब की गई है।
483 माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 में अध्ययनरत छात्रों को बोर्ड फीस जमा करना होता है। यह धनराशि माध्यमिक शिक्षा परिषद को अदा की जाती है। विद्यालय रुपये जमा कराकर चालान जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को भेज देते हैं। यहां से इसे परिषद कार्यालय को भेज दिया जाता है। इसके अलावा चालान वेबसाइट पर भी फीड किया जाता है। अब इसमें गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की जा रही है। बोर्ड को कक्षा नौ व 11 के छात्रों का पंजीकरण शुल्क व कक्षा दस व 12 के छात्रों के परीक्षा शुल्क का फर्जी चालान भेजा जा रहा है। अब डीआइओएस को तथ्यों के पड़ताल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनको वर्ष 2015 से 2020 तक जमा चालान का कोषागार से सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया है। इस सत्र में ही करीब पांच करोड़ रुपये बोर्ड फीस जमा कराया गया है। इनकी जांच की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक अनूप कुमार ने बताया कि प्रधानाचार्यों से चालान मांगा गया है। निर्धारित समय में जांच कराकर रिपोर्ट भेजा जाएगा।
एक सप्ताह का दिया गया समय
- माध्यमिक शिक्षा परिषद की प्रभारी वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी विभा यादव ने डीआइओएस को सत्यापन करने का निर्देश दिया है। एक सप्ताह में कोष पत्रों की सत्यापित सूची तलब की गई है।