गोंडा: एड्स के मरीजों में हो रही बढ़ोतरी से परेशान स्वास्थ्य विभाग के सामने एक और समस्या आ गई है। जिला अस्पताल में मरीजों की जांच व दवा वितरण के लिए संचालित एआरटी सेंटर से 230 मरीज लापता है। यहां पर इलाज कराने के लिए पंजीकरण के बाद भी इन मरीजों की कोई जानकारी विभाग के पास नहीं है, जिससे मरीजों की ट्रै¨कग नहीं हो पा रही है।
एड्स पर नियंत्रण को लेकर भले ही तमाम प्रयास किए जा रहे हों लेकिन हालात यह है कि बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। दरअसल, गरीबी व अशिक्षा के कारण यहां के लोग रोजी रोटी की तलाश में बड़े शहरों में जाते हैं, जहां से वह बीमारी लेकर आ जाते हैं। जिसके कारण बीमारी का प्रसार कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। इन मरीजों के उपचार व काउंसि¨लग के लिए देवीपाटन मंडल मुख्यालय के बाबू ईश्वर शरन जिला अस्पताल में एआरटी सेंटर स्थापित है। बीस फरवरी 2014 से अब तक यहां पर कुल 2063 मरीजों का पंजीकरण इलाज के लिए हुआ है। इसमें देवीपाटन मंडल के चारों जिलों के लोग शामिल है। इनमें से 1123 मरीजों का इलाज मौजूदा वक्त में चल रहा है। इसके साथ ही 407 मरीजों को यहां से उनके नजदीक के एआरटी सेंटरों पर ट्रांसफर कर दिया गया। इन दिनों वह अपने नजदीकी केंद्रों से दवाएं ले रहे हैं। इन सबके बीच गोंडा के 86, बहराइच के 56, बलरामपुर के 63, श्रावस्ती के 25 एड्स मरीज लापता है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद कुछ दिन इन मरीजों ने दवा खाई लेकिन अब वह गायब है। इन मरीजों के बारे में विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है।
क्या है एड्स
- एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी ¨सड्रोम को एड्स कहते हैं। एचआइवी वायरस से फैलने वाली बीमारी शरीर में प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर कर देता है।
कारण
- ब्लड-ट्रांसफ्यूजन के दौरान शरीर में एचआइवी संक्रमित रक्त के चढ़ाने से।
- एचआइवी पॉजिटिव व्यक्ति पर इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन की सुई का इस्तेमाल करने से।
- एचआइवी से संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध से।
जिम्मेदार के बोल
- जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर पर एड्स मरीजों का इलाज किया जाता है। 230 मरीजों के बारे में जानकारी मिली है। जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब किया गया है।
- डॉ. अरूण लाल, प्रभारी अपर निदेशक स्वास्थ्य, देवीपाटन मंडल।
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