पुस्तकों के बिना मदरसा बच्चों की पढ़ाई बाधित
गाजीपुर मदरसों का नया सत्र शुरू हो चुका है लेकिन पुस्तकें नहीं मिलने से उनकी पढ़ाई सही तरीके से शुरू नहीं हो सकी है। बच्चे रोजाना पुस्तक आने का इंतजार करते हैं और मायूस वापस घर लौट जाते हैं। वहीं मदरसा शिक्षक पुरानी पुस्तकों से शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं
जासं, गाजीपुर : मदरसों का नया सत्र शुरू हो चुका है लेकिन पुस्तकें नहीं मिलने से उनकी पढ़ाई सही तरीके से शुरू नहीं हो सकी है। बच्चे रोज पुस्तक आने का इंतजार करते हैं और मायूस वापस घर लौट जाते हैं। वहीं मदरसा शिक्षक पुरानी पुस्तकों से शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन बच्चों को तालीम हासिल करने में परेशानी हो रही है। मदरसा संचालकों ने कई बार आवाज उठाई लेकिन उनको निराशा ही हाथ लग रही है।
जिले में सहायता प्राप्त 23 एवं मान्यता प्राप्त डेढ़ सौ मदरसे संचालित होते हैं। इनमें करीब हजारों की संख्या में बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं लेकिन बीते दो-तीन वर्षों से शिक्षा विभाग से पुस्तकें नहीं आने के कारण बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी हो रही है। बीते वर्ष पुस्तकें नहीं आने से बच्चों ने अगली कक्षाओं से पुस्तकें प्राप्त कर किसी तरह परीक्षा दी। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।
नहीं हो रही सुनवाई
: मदरसा दारुल उलूम कादरिया के प्रभारी प्रधानाचार्य मौलाना फरीद अख्तर कादरी ने बताया कि बीते कई वर्षों से शिक्षा विभाग पुस्तकें उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। इसके लिए कई बार बीआरसी कार्यालय जाकर उनसे डिमांड की जाती है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसा लग रहा है कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पाएंगी।
---------- शीघ्र ही उपलब्ध होंगी पुस्तकें
: अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जहीर अब्बास ने बताया कि सत्र अभी शुरू हुआ है। पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए लिखा जाएगा। शीघ्र ही मदरसों में पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगी।