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परीक्षा टलने से बढ़ी मदरसा परीक्षार्थियों की परेशानी

गाजीपुर संत रविदास जयंती के अवकाश के चलते अरबी-फारसी बोर्ड की परीक्षा पांच मार्च को पड़ने से परीक्षर्थियां की समस्या बढ़ गई है। बाहर के कई परीक्षर्थियों को आरक्षण रद कराने पड़े हैं। अब उनको सीट कंफर्म नहीं मिल रही है। उनका कहना है कि 19 तारीख की परीक्षा को दो मार्च के बीच में ही रख देनी चाहिए थी जिससे उन्हें कोई समस्या नहीं होती। बीते 19 फरवरी को पहली पाली में मुंशी मौलवी एवं दूसरी पाली में आलिम फाजिल एवं कामिल की परीक्षा होनी थी। लेकिन अचानक परीक्ष रद हो गई और उस प्रश्न पत्र की परीक्षा पांच मार्च को बोर्ड ने तय कर दी जबकि इससे पूर्व परीक्षा दो मार्च को समाप्त होनी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 07:41 PM (IST)
परीक्षा टलने से बढ़ी मदरसा परीक्षार्थियों की परेशानी
परीक्षा टलने से बढ़ी मदरसा परीक्षार्थियों की परेशानी

जासं, गाजीपुर : संत रविदास जयंती के अवकाश के चलते अरबी-फारसी बोर्ड की परीक्षा पांच मार्च को पड़ने से परीक्षर्थियां की समस्या बढ़ गई है। बाहर के कई परीक्षर्थियों को आरक्षण रद कराने पड़े हैं। अब उनको सीट कंफर्म नहीं मिल रही है। उनका कहना है कि 19 तारीख की परीक्षा को दो मार्च के बीच में ही रख देनी चाहिए थी जिससे उन्हें कोई समस्या नहीं होती।

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बीते 19 फरवरी को पहली पाली में मुंशी, मौलवी एवं दूसरी पाली में आलिम, फाजिल एवं कामिल की परीक्षा होनी थी लेकिन अचानक रद हो गई। उस प्रश्न पत्र की परीक्षा पांच मार्च को बोर्ड ने तय कर दी, जबकि इससे पूर्व परीक्षा दो मार्च को समाप्त होनी थी। ऐसे में उनको अपना आरक्षण रद करा कर दूसरा कराना पड़ा लेकिन अब उनको सीट कंफर्म नहीं मिल पा रही है। कई छात्र ऐसे हैं जिनको अपने घर के मांगलिक कार्यों में शामिल होना है। इस स्थिति में उनको अपना पूरा प्रोग्राम बदलना होगा। रजिस्ट्रार कार्यालय की इस गलती का खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। अब उनको समझ नहीं आ रहा है कि वे किस प्रकार अपने घर जाने की तैयारी करें। अगर जायजा लिया जाए तो बिहार, बंगाल एवं छत्तीसगढ़ के करीब पांच सौ से अधिक छात्र हैं जो यहां छात्रावास में रहकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। ---

बहन की शादी में पहुंचना हुआ मुश्किल

पूर्णियां के छात्र वसीकुर्रहमान ने बताया कि उनकी बहन की शादी पांच मार्च को है उनका तीन मार्च का आरक्षण था ऐसे में उनका बहन के विवाह में पहुंचाना संभव नहीं लग रहा है। वहीं के मुहम्मद आरिफ को भी समझ नहीं आ रहा है कि वे किस प्रकार अपने घर वापस जा सकेंगे। पुराना आरक्षण रद कराना पड़ा है। हावड़ा (बंगाल) के मुहम्मद दानिश की कमोबेश यही समस्या है। उनके भी जाने की समस्या हो गई है। छत्तीगढ़ के अंबिकापुर के मुहम्मद राशिद को भी जाने के लिए परेशानी उठानी पड़ेगी। इन दिनों में कंफर्म सीट मिलना काफी मुश्किल हो गया है। बोर्ड का निर्णय गलत

मदरसा दारुल उलूम कादरिया के प्रभारी प्रधानाचार्य मौलाना फरीद अख्तर कादरी ने बताया कि बोर्ड का यह निर्णय गलत है। दो मार्च तक परीक्षा के दौरान कई दिन ऐसे हैं जब परीक्षा नहीं होनी हैं। इस प्रश्न पत्र को इसी बीच में रख देना चाहिए था। इसे दो मार्च से आगे खींच कर नहीं ले जाना चाहिए था।


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