कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की पहचान के लिए प्रशिक्षण
अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों की पहचान और पोषण ट्रैकर के बारे में ट्रनिग दी गई।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों की पहचान और पोषण ट्रैकर के बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडेय की अध्यक्षता में वन स्टाप सेंटर के सभागार में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण यूपीटीएसयू के प्रतिनिधि द्वारा सभी ब्लाक की मुख्य सेविका और बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) को दिया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि बच्चों को सुपोषित करने के लिए कुपोषण पर वार जरूरी है। ऐसे में कुपोषण की स्थिति को जानने के लिए बच्चों की उम्र के हिसाब से वजन और लंबाई पर ध्यान देना जरूरी है। कुपोषण से ग्रसित बच्चों में बाल्यावस्था की बीमारियों और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। शासन के दिशा-निर्देश पर जिले में अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए वजन लेने का काम शुरू कर दिया गया है। वजन सप्ताह के तहत चिह्नित ऐसे बच्चों ब्योरा बेसलाइन सर्वे माना जाएगा। इसी बेसलाइन सर्वे के मुताबिक कुपोषण की रोकथाम के लिए प्रशिक्षण देने का काम किया गया। सीडीपीओ कासिमाबाद अरुण कुमार दुबे ने बताया कि इस प्रशिक्षण में मुख्य सेविका और सीडीपीओ को मास्टर ट्रेनर बनाया जा रहा है। प्रशिक्षण लेने के पश्चात संबंधित ब्लाकों के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगी और घर-घर जाकर ऐसे बच्चों को चिह्नित कर विभाग को रिपोर्ट देंगी, जिन्हें विभाग के द्वारा पोषित करने का काम किया जाएगा। प्रशिक्षक बुद्धदेव ने बताया कि आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में आई हुई मुख्य सेविका और सीडीपीओ को चिह्नित किए गए कुपोषित बच्चों में सुधार कैसे करेंगे? और कौन कौन सी सावधानियां बरतेंगे? इसके साथ कौन सी सेवा देकर उनके स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है? आदि के बारे में जानकारी दी गई। : कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर एकत्र करके पोषण के बारे में जानकारी देना आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चिन्हित बच्चों के घर जाकर उनके लिए डाइट चार्ट तैयार करेंगी और पोषण का प्रबंध करेंगी। स्वास्थ्य विभाग की मदद से ऐसे बच्चों के स्वास्थ्य की जांच व चिकित्सा सुविधा दिलाई जाएगी। डाइट चार्ट के मुताबिक घर पर बच्चों और माताओं को भोजन कराने का सुझाव देंगी। पौष्टिकता बढ़ाने के लिए भोजन में तेल, घी, मूंगफली का चूरा, सोयाबीन बड़ी व मौसमी सब्जियों का इस्तेमाल करने की जानकारी देंगी। बच्चों का समय से टीकाकरण कराने को जागरूक करेंगी।