गांव से निकली एक साथ तीन अर्थियां
भतौरा गांव के ग्रामीणों के लिए मंगलवार का दिन अमंगल लेकर आया। डेंगू बुखार से पीड़ित दो युवकों व लकवा से ग्रस्ति वृद्ध की मौत से जहां ग्रामीणों में कोहराम मच गया। वहीं हर कोई इस बीमारी के चपेट में आने की भय से सशंकित हो उठा। गांव से एक साथ निकली तीन अर्थियों से मातमी सन्नाटा फैल गया। इस घटना ने पेट की आग को भी बुझा दिया। हर किसी की आंखों में आंसू के साथ दहशत साफ झलकता दिख रहा था।
जासं, बारा (गाजीपुर) : भतौरा के ग्रामीणों के लिए मंगलवार का दिन अमंगल साबित आया। डेंगू से पीड़ित दो युवकों की मौत हो गई वहीं लकवाग्रस्त वृद्ध दुनिया छोड़ चला। इससे जहां ग्रामीणों में शोक की लहर रही वहीं हर कोई इस बीमारी के भय से सशंकित हो उठा। गांव से एक साथ निकली तीन अर्थियों से मातमी सन्नाटा फैल गया। इस घटना ने पेट की आग को भी बुझा दी। हर किसी की आंखों में आंसू के साथ दहशत साफ परिलक्षित हो रही थी।
बिहार प्रांत के कैमूर जनपद स्थित भभुआ में एक साथ काम कर रहे दोनों मित्र हरेंद्र राजभर व मनोज राजभर की आठ घंटे की अंतराल पर मौत से जहां गांव के लोग सदमे में थे वहीं लंबे समय से लकवा से पीड़ित रामजी कुशवाहा (72) के निधन ने उन्हें झकझोर दिया। गांव वालों के समझ में ही नहीं आ रहा था कि आखिर कैसे गांव के लिए मंगल अमंगल साबित हो रहा है। ---
बढ़ता जा रहा डेंगू का प्रकोप
खानपुर थाना क्षेत्र के अमेहता गांव में बीते 14 नवंबर को चंद्रकला की इलाज के दौरान वाराणसी में मौत हो गई थी। इस घटना से अभी परिजन ऊबर ही नहीं पाए थे बीते 15 नवंबर को मृतका के पुत्र किशन विश्वकर्मा की मौत हो गई थी। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जबकि पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में दवा छिड़काव का दावा किया गया था। दो युवकों की मौत के बाद तो आस-पास के लोगों में भी इस बीमारी को लेकर भय व्याप्त हो चुका है। ---------------
घटना की जानकारी नहीं थी, टीम भेजकर गांव के सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा। अगर इस तरह की शिकायत मिलती है तो दवा के साथ बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा।
- डा. जीसी मौर्या, सीएमओ