एक साथ जलीं लहुरापुर की तीन चिताएं, रवि की भी मौत
जागरण संवाददाता मरदह (गाजीपुर) आजमगढ़ में शुक्रवार की रात हुई भीषण सड़क दुघ्
जागरण संवाददाता, मरदह (गाजीपुर) : आजमगढ़ में शुक्रवार की रात हुई भीषण सड़क दुर्घटना में मारे गए लहुरापुर के तीन लोगों की चिताएं रविवार को एक साथ श्मशान घाट पर जलीं तो सभी की आंखें नम हो गईं। उधर, इस हादसे में घायल सेना के जवान रवि पांडेय की भी रविवार की सुबह वाराणसी स्थित ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। अब मृतकों की संख्या पांच पहुंच गई है, जबकि दुल्लहपुर टढ़वा निवासी हरिकेष वाराणसी में जीवन-मौत से जूझ रहा है। इस घटना से पूरा क्षेत्र मर्माहत है।
आजमगढ़ में पोस्टमार्टम के बाद शनिवार की देर रात को हादसे में मृत रामचीज सिंह, सच्चिदानंद सिंह, देवेश शर्मा का शव लहुरापुर एवं जनार्दन चौहान का शव भोजापुर स्थित उनके आवास पर पहुंचा। एक साथ कई शवों के गांव में पहुंचने पर पूरे गांव में कोहराम मच गया। लहुरापुर गांव के तीनों मृतकों का अंतिम संस्कार गाजीपुर स्थित श्मसान घाट पर रात में ही किया गया। एक साथ जल रही तीन चिताओं को देखकर घाट पर पहुंचे ग्रामीणों के आंखों में आंसुओं की धार निकलती रही। भोजापुर गांव निवासी हादसे में मृत जनार्दन चौहान का भी अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर किया गया।
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सेना में कार्यरत पुत्र के इंतजार में सुबह हुआ अंतिम संस्कार
- जनार्दन चौहान तीन लड़कों में सबसे छोटा पुत्र राजेश चौहान सेना में आसाम में कार्यरत है। घटना की सूचना पर वहां से फ्लाइट पकड़ कर देर रात घर पहुंचा। राजेश चौहान के देर रात घर आने की वजह से रात के बजाय रविवार की सुबह जनार्दन का अंतिम संस्कार किया गया। राजेश चौहान ने ही पिता को मुखाग्नि दी। उसका तिलक आगामी 13 मई एवं विवाह 21 मई को तय था। वह अगले सप्ताह अपने विवाह में शामिल होने के लिए घर छुट्टी लेकर आने वाला था, लेकिन इस हादसे की वजह से उसे तत्काल आना पड़ा। राजेश ने बताया कि इस दुखद घटना के बाद तिलक एवं शादी दोनों स्थगित कर दी गई है। लहुरापुर गांव निवासी रामचीज सिंह के शव को बड़े पुत्र कमलेश, देवेश शर्मा को पिता जयगोबिद शर्मा और सच्चिदानंद सिंह को उनके बड़े भाई के पुत्र रुदल सिंह ने मुखाग्नि दी।
--- देर तक वाहन रोक कर सच्चिदानंद को ले गए थे तिलक में
- सड़क हादसे में मृत सच्चिदानन्द सिंह के बड़े भाई हरिप्रसाद सिंह ने फफक कर रोते हुए बताया कि जिस समय रमाकांत पांडेय के परिवार के लोग तिलक चढ़ाने के लिए गांव से वाहनों में बैठ कर जा रहे थे उस समय गांव के बाहर स्थित उनके नलकूप पर उनके भाई गाय का दूध निकाल रहे थे। रमाकांत पांडेय अपने तिलक में जा रही गाड़ियों को रोकवा कर सच्चिदानंद से दूध घर पर रख कर कपड़े पहन कर आने का निवेदन कर काफी देर तक इंतजार किए और उनके आने के बाद अपने साथ लेकर गए। यदि मेरे भाई को छोड़कर चले जाते तो उनके साथ यह हादसा नहीं होता।
--- रवि की भी मौत, मचा कोहराम
- रमाकांत पांडेय की पुत्री अंशू की शादी 26 अप्रैल को होनी वाली शादी अधर में है। उधर, अंशू के भाई रवि की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। सेना में कार्यरत रवि हाल ही में बहन की शादी के सिलसिले में आया हुआ था। वाराणसी से मौत की खबर आते ही स्वजन दहाड़े मारकर रोने-बिलखने लगे। सड़क हादसे में तिलक चढ़ाकर लौट रहे पांच लोगों की मौत के बाद अब मंगल गीत के बजाय करुण क्रंदन रहा। भाई की मौत के बाद जैसे अंशू को काठ मार गया हो। स्वजनों को लोग ढांढस बंधाते रहे।