आश्रय स्थल पर 250 पशुओं में बचे हैं केवल 36
जागरण संवाददाता खानपुर (गाजीपुर) क्षेत्र के रामपुर स्थित अस्थायी पशु आश्रय स्थल पर तैनात सभी कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिए जाने से गोवंश पर जान का संकट मंडरा रहा है।
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : क्षेत्र के रामपुर स्थित अस्थायी पशु आश्रय स्थल पर तैनात सभी कर्मचारी कार्यमुक्त कर दिए गए हैं। पिछले 15 दिनों से चारा-पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। इस केंद्र पर शुरू में 250 बेसहारा पशु थे जिसमें से केवल 36 पशु ही बचे हैं। करीब 50 पशु मर चुके हैं। अब भी पांच बीमार हैं। शेष वहां से निकलकर भाग गए हैं। उधर सप्ताह भर से प्रतिदिन एक-दो पशु मर रहे हैं। दो सप्ताह से किसी कर्मचारी की तैनाती नहीं है। ग्राम प्रधान के कहने पर गांव का ही एक व्यक्ति सुबह से आकर पशुओं को चारा डाल देता है। पशु चिकित्सक भी कोरम पूरा करते हैं।
रामपुर जलनिगम पानी टंकी परिसर में बनाए गए अस्थायी आश्रय स्थल में सालभर पहले सैकड़ों की संख्या में बेसहारा पशुओं को रखा गया और उनकी देखरेख के लिए दर्जन भर सफाईकर्मी नियुक्त कर दिए गए। ग्रामप्रधानों का कार्यकाल समाप्त होते ही 25 दिसंबर की रात से गोसेवा में तैनात सभी सफाई कर्मचारियों को पंचायत विभाग द्वारा उनके मूल नियुक्ति के गांवों में लौटने का आदेश दिया गया। इसके बाद एक बार फिर तीन दर्जन गोवंश बेसहारा हो गए। रोजाना तीन चार बीमार होते हैं। बेजुबान गोवंश की दुर्दशा देखकर आसपास के गांववाले भी आक्रोशित हैं। रामपुर के राजकुमार सिंह, त्रिभुवन सिंह, सिधौना के जीया यादव, शिवाजी मिश्रा आदि का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन बेजुबानों को चहारदीवारी में कैद कर मारा जा रहा है। इनके देखभाल और दानापानी का कोई मुकम्मल इंतजाम नही किया गया है। रामपुर के प्रधान प्रतिनिधि फिरोज खान कहते हैं कि अपने गांव में तड़पती इन गायों के लिए कर्ज और उधार लेकर भूसा खिला रहे हैं। इनकी देखभाल के लिए प्रशासन और पशुपालन विभाग ने पूरी तरह हाथ खड़ा कर दिया है। एडीओ पंचायत सैदपुर राकेश दीक्षित ने बताया कि जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेश पर सभी सफाईकर्मियों को उनके मूल कार्यस्थल पर अपने गांवों में कार्य करने का आदेश दिया गया है।