शहीदों के परिजनों के भी जख्म हुए हरे, करारा जवाब दे सरकार
गाजीपुर : Þखून खौल उठा हर हदुस्तानी का, सीना छलनी कर देंगे आतंकी पाकिस्तानी का'दुख, क्रोध व जोश हर चेहरे पर नजर आ रहा है।
जासं, गाजीपुर : Xह्नह्वश्रह्ल;खून खौल उठा हर हदुस्तानी का, सीना छलनी कर देंगे आतंकी पाकिस्तानी का'दुख, क्रोध व जोश हर चेहरे पर नजर आ रहा है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में 44 जवानों की शहादत पर पूरे देश रो रहा है तो शहीदों के परिजन भी श्रद्धांजलि देने के साथ ही आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा जताते हुए इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने की मांग उठा रहे हैं। जिले के शहीद हुए जांबाजों के परिजन तो गुस्से लाल हो गए हैं। उनका कहना है कि सरकार को इसका करारा जवाब देना चाहिए।
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शहीद की पत्नी बोली, बेटे को भी बनाऊंगी सैनिक सैदपुर: शहादत से भारत की माताएं हिम्मत हारने वाली नहीं हैं बल्कि उनका हौसला और बढ़ गया है। इसका उदाहरण क्षेत्र के गजाधरपुर गांव निवासी शहीद विजय बहादुर यादव की पत्नी गीता देवी हैं। वर्ष 2001 के दिसंबर माह में बारामुला कश्मीर में हुए आतंकी हमले में सेना के जवान विजयबहादुर यादव शहीद हो गए थे। उनकी दो बेटियां रेखा (शादीशुदा) व गुड़िया के अलावा एक बेटा अश्वनी कुमार यादव है। गीता देवी का कहना है कि देश की रक्षा के लिए उन्होंने अपना प्राण न्यौछावर किया है। मुझे उन पर गर्व है। मैं अपने बेटे को भी सैनिक की वर्दी में देखना चाहती हूं। छोटे भाई लालबहादुर का कहना है कि हमारी आने वाली पीढ़ी भी देश सेवा के लिए सीमा पर जाएगी। ----
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सरकार दे मुंहतोड़ जवाब शादियाबाद: दंतेवाड़ा में 20 मई 2018 को शहीद हुए अर्जुन राजभर का परिवार आज भी उस दर्द को महसूस कर रहा है। शहीद के पिता बलिराम राजभर आज भी बेटे को याद कर रोते हैं। उन्होने कहा कि जब-जब देश के लिए किसी जवान के शहीद होने की खबर मिलती है तो अपना जख्म ताजा हो जाता है। जिस तरह मैंने अपना बेटा खोया है उसी तरह अनगिनत परिवारों ने अपना बेटा, भाई, बाप व सुहाग खोया है। कब तक हम जालिमो का जुल्म सहते रहेंगे। कब तक बेगुनाह जवानों का खून बहता रहेगा। पुलवामा हमले के दोषियों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। --- फोटो : 24सी।
भरोसा है, व्यर्थ नहीं जाएगा बलिदान
सादात : हमने भी यह असहनीय पीड़ा वर्षों पहले झेला था। सीआरपीएफ में ही श्रीनगर के लाल चौक पर तैनात हमारे पति मिठाई लाल वर्ष 2005 में आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए थे। यह कहकर शहीद की पत्नी आशा देवी फफक पड़ी। शहीद के पुत्र मनोज ने पुलवामा हमले को कायराना बताते हुए कहा कि अपने स्व. पिताजी के साथियों का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमें पूरा विश्वास है कि हमारी सरकार व सेना इसका बदला जरूर लेगी।
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अब सर से ऊपर हो गया है पानी
-रेवतीपुर: साधोपुर निवासी शहीद उदित नरायन उपाध्याय के पुत्र आलोक उपाध्याय ने कहा कि पुलवामा में हुए कायराने आतंकी हमले से झकझोर कर रख दिया है। अब पानी सर से ऊपर हो गया है। भारत सरकार को इसका करारा जवाब देना चाहिए। तब जाकर शहीद जवानों के परिजनों को संतोष होगा। मेरे पिता सीआरपीएफ में एसआइ थे। 11 दिसंबर 2013 को आतंकियों से हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
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करारा जवाब दे सरकार
जमानियां : कर्महरि निवासी शहीद कन्हैया ¨सह यादव की पत्नी मंता देवी ने इस आत्मघाती हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है। मांग की कि सरकार को इस हमले का करारा जवाब देना चाहिए, ताकि दुश्मनों को पता चल सके कि सेना के जवान कमजोर नहीं है। मेरे पति 27 मार्च 2012 को नक्सली मुठभेड़ शहीद हो गए थे। आज भी वह मंजर याद आता है खून खौल उठता है। --- फोटो : 27सी।
आर-पार की होनी चाहिए लड़ाई
कासिमाबाद : शहीद शशांक के पिता अरुण कुमार ¨सह ने हमले को लेकर बेहद आक्रोश जताया। कहा कि पाकिस्तान बार-बार हमारे पीठ में खंजर मार रहा है। इस बार आर-पार की लड़ाई हो जानी चाहिए पाकिस्तान को उसकी हरकत का मुंहतोड़ जवाब मिलना ही चाहिए। उरी हमले का बदला सर्जिकल स्ट्राइक से लिया उसी प्रकार इस हमले का शीघ्र बदला लेना चाहिए। कार्रवाई ऐसी हो कि पाकिस्तान का नामोनिशान मिट जाए।
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एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत मरदह : जम्मू-कश्मीर के उरी आतंकी हमले में शहीद मरदह ब्लाक के गांई देऊपुर गांव निवासी शहीद हरेंद्र यादव के परिजन पुलवामा आतंकी हमले में 44 जवानों की शहादत की सूचना पर गमगीन उदास बैठे मिले। पिता केदार यादव, मां प्रभावती देवी व छोटे भाई ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भेजे गए आतंकवादी बार-बार देश के जवानों का खून बहा रहे हैं। पाकिस्तान में घुस कर एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज पर आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की जरूरत है ताकि फिर किसी मां-बाप की कोख न उजड़े और न ही कोई भाई-बहन, पत्नी-बच्चे अपनों से अलग होने का दंश झेले। इतना कह कर तीनो की आंखों में आंसू आ गए। --- फोटो: 29 सी।
-दुल्लपहुर: धामूपुर निवासी शहीद वीर अब्दुल हमीद की विधवा रसूलन वीवी इस हमले से बेहद आहत हैं। कहा कि अब तो हद हो गई। पाक के दुस्साहस को उसके अंदाज में जवाब देने की जरूरत है। यदि हिम्मत है तो उसे सामने से आना चाहिए औकात का पता चल जाएगा। शहीदों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। उनके दुख को भला मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है।