आश्रय स्थल से टेंट व बल्ली गायब, पशुओं की हालत बदतर
खानपुर (गाजीपुर) रामपुर स्थित जलनिगम परिसर में बना अस्थायी पशु आश्रय स्थल प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होकर उजड़ गया है। इसके चलते यहां रखे गए बेसहारा पशु खुले आसमान के नीचे चारा पानी के अभाव दम तोड़ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : रामपुर स्थित जलनिगम परिसर में बना अस्थायी पशु आश्रय स्थल प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होकर उजड़ गया है। इसके चलते यहां रखे गए बेसहारा पशु खुले आसमान के नीचे चारा, पानी के अभाव दम तोड़ रहे हैं।
एक माह पूर्व सिधौना व इचवल गांव के किसानों के आक्रोश को देखते हुए तहसीलदार दिनेश कुमार में 140 मवेशियों को रामपुर जलनिगम परिसर में रखवा दिया। ग्रामप्रधान फिरोज खान व बीडीओ दिनेश मौर्या ने बल्लियों व टेंट की व्यवस्था कर उन्हें छाया और शरण दी। गो-प्रेमियों के सहयोग से भूसा, पुआल और पानी की टंकी लगा दी गई। आसपास के अन्य गांवों से ही किसानों ने और पचासों मवेशी लाकर वहां रख दिया। चार सफाईकर्मी देखरेख के लिए नियुक्त कर दिए गये। आश्रय स्थल में इन बेसहारा पशुओं की हालत बदतर हो गई। भूख व ठंड से बीमार होने लगे तो पशुपालन विभाग ने चिकित्सक डा. मुनब्बर को भेजा। लेकिन इसका कोई लाभ पशुओं को नहीं मिल सका। आज एक महीने बाद आज आश्रय स्थल से टेंट गायब हैं। बल्लियां भी नहीं है। पानी की टंकी, चारा सब नदारत हो गया।जलनिगम परिसर के एक कोने में छोटा सा तिरपाल डालकर सफाईकर्मी अपनी ड्यूटी काट रहे हैं। हाल यह है कि 150 से अधिक रखे गए मवेशियों में इस समय मात्र 30 गोवंश मौके पर है। दर्जनों गोवंश रामपुर के गांव खेत खलिहानों में घूमते मिल जाएंगे।