भगवान राम व लक्ष्मण की निकाली गई झांकी
क्षेत्र के सुहवल गांव स्थित संत श्रीमानदास बाबा के तपोस्थली.
जागरण संवाददाता, रेवतीपुर (गाजीपुर): क्षेत्र के सुहवल गांव स्थित संत श्रीमानदास बाबा के तपोस्थली पर धनुषयज्ञ मेला को लेकर नौ दिवसीय रामचरितमानस कथा महायज्ञ के तीसरे दिन बुधवार की देर शाम भगवान राम व लक्ष्मण की झांकी निकाली गई। जयकारे से माहौल भक्तिमय हो गया। यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। कथावाचक प्रीति उपाध्याय ने कहा कि जीवन में विनम्रता होना जरूरी है। जीवन में मां की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पिता तो केवल एक अंश देता है, लेकिन मां की भूमिका तो बच्चे के व्यक्तित्व को स्वरूप देती है। मां का स्वभाव उसके संस्कार बच्चे में सबसे ज्यादा आते हैं। यह जीवन में सफल होने का मंत्र है। कथा को आगे बढाते हुए उन्होंने कहा कि रामचरितमानस सुनने और इसमें बताए मार्ग का अनुसरण करने से मनुष्य अपने जीवन को भवसागर से पार लगाने के लिए सफल बनाता है। रामायण में तीन सोपान है। पुरुषार्थ, प्रार्थना और प्रतीक्षा। सत्संग न मिले कोई बात नहीं, लेकिन कुसंग से सदा बचिए। कुसंग से जीव का पतन होता है। जब तक मनुष्य रामकथा नहीं सुनता तब तक मोह नहीं भागता। वहीं जीवन के हर संशय का समाधान राम कथा करती है।