कोविड रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही घाट पर जाएं श्रद्धालु
जागरण संवाददाता सादात (गाजीपुर) डाला छठ पर्व के पूजन-अर्चन के लिए नदी पोखरे तालाबों के
जागरण संवाददाता, सादात (गाजीपुर) : डाला छठ पर्व के पूजन-अर्चन के लिए नदी, पोखरे, तालाबों के घाटों पर वही लोग जाएंगे जिनके पास कोविड-19 जांच की रिपोर्ट निगेटिव रहेगी।
यह बातें पुलिस प्रशासन ने गुरुवार को नगर सहित ग्रामीण अंचलों में एनाउंस करते हुए लोगों से कही। बाजार में सुबह ही एसआई शमशीर अहमद ने जगह-जगह एनाउंस करते हुए बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए लोग अपने घरों में ही छठ का पर्व मनाएं। पर्व मनाने के लिए नदी, तालाब, पोखरे के घाटों पर जाने से पहले सीएचसी अथवा स्वास्थ्य केंद्रों से कोविड-19 की जांच करानी होगी। रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही घाट पर जाने दिया जाएगा। थानाध्यक्ष सूर्य कुमार मिश्रा ने बताया कि इसके लिए लोग लापरवाही न करें व जिम्मेदारी पूर्वक शासन-प्रशासन का सहयोग करें। इधर, सीएचसी प्रभारी डा. रामजी सिंह ने बताया कि प्रतिदिन 60 -65 लोगों की जांच होती है। अब अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक लोग आ रहे हैं।
वक्त के साथ सूप का भी बदला स्वरूप
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : लोक महापर्व छठपूजा में दउरा और सूप का बहुत महत्व रहता है। बदलते वक्त के साथ सूप का भी रूप-रंग और स्वरूप बदल रहा है।
नई पीढ़ी की व्रती महिलाओं के लिए इस बार बाजार में डिजायनर सूप खास तौर पर उपलब्ध हैं। बिल्कुल अलग दिखने वाले इस सूप की कलाकारी इसकी विशेषता है। इसमें सूप पर चारों ओर गोटे लगे हैं और इसके साथ ही उसमें लैस वाली झलरी भी लगी है। यह सूप को बेहद आकर्षक बना रहा है। अधिकांश महिलाएं सूर्य का चित्र अंकित पीतल के सूप का इस्तेमाल करतीं है। कई व्रती महिलाएं दस-पंद्रह दिन पूर्व ही बांसफोर को घर बुलाकर हरे बांस का पेड़ उन्हें देती हैं और उसी का बना सूप और दउरा पूजा में इस्तेमाल करती हैं। दउरा में फल, पकवान का प्रसाद और पूजन सामग्री रखा जाता है।