गंगा किनारे के गांवों में लगाएं फलदार पौधे, अनुदान देगी सरकार
गाजीपुर जिला उद्यान अधिकारी डा. शैलेंद्र दुबे ने बताया कि नमामि गंगे योजना के तहत जनपद में गंगा किनारे के नौ ब्लाकों के
गंगा किनारे के गांवों में लगाएं फलदार पौधे, अनुदान देगी सरकार
गाजीपुर : जिला उद्यान अधिकारी डा. शैलेंद्र दुबे ने बताया कि नमामि गंगे योजना के तहत जनपद में गंगा किनारे के नौ ब्लाकों के 75 गांवों में फलदार पौधरोपण कराना है। इसके लिए लाभार्थी खुद पौधे लगाकर उसकी सुरक्षा के लिए बाड़ लगाएगा। इसके बाद विभाग उसका सत्यापन करेगा। मानक के अनुरूप मिलने पर प्रति हेक्टेयर तीन हजार रुपये प्रति माह तीन वर्ष तक उसकी देखरेख के लिए अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को पहले विभाग में आवेदन करना होगा। वह ‘दैनिक जागरण’ के ‘प्रश्न पहर’ कार्यक्रम में मंगलवार को किसानों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
पौधरोपण से एक महीने पहले खोदें गड्ढा
: पौधे लगाने से कम से कम एक महीने पहले एक वर्ग मीटर में गड्ढे की खोदाई कर लें। उसकी मिट्टी बाहर निकाल दें। इससे हानिकारक कीट मर जाएंगे और बरसात का पानी खाकर मिट्टी अनुकूल हो जाएगी। एक महीने बाद मिट्टी में बर्मी कंपोस्ट या गोबार की खाद आदि मिलाकर पौधे लगा दें। गड्ढा पहले से खुदा होने के चलते वहां की मिट्टी भुरभुरी हो जाती है, जिससे पौधों की जड़े आसानी से फैलती हैं।
--------
प्रश्न: खाद्य प्रसंस्करण स्वरोजगार योजना के बारे में जानकारी चाहिए। क्या मिल सकेगी?
उत्तर: अवश्य। उद्यान विभाग की ओर से संचालित खाद्य प्रसंस्करण स्वरोजगार योजना के तहत राइस मिल, तेल मिल, आटा मिल, दूध से कोई प्राेडक्ट बनाने, फ्राइ मछली कारोबार, अचार-मुरब्बा, चटनी अादि सहित कई दर्जनों काम किए जा सकते हैं। इसके लिए 35 फीसद का अनुदान सरकार देगी, 10 फीसद लाभार्थी को लगाना होगा और 55 फीसद राशि बैंक ऋण के रूप में देगा। इसके लिए विभाग में आवेदन करना होगा।
प्रश्न: नमामि गंगे योजना के तहत पौधारोपण कैसे किया जा रहा है?
उत्तर: नमामि गंगे योजना के तहत जनपद में गंगा किनारे के नौ ब्लाकों के 75 गांवों में फलदार पौधरोपण कराना है। इसके लिए लाभार्थी खुद पौधे लगाकर उसकी सुरक्षा के लिए बाड़ लगाएगा। विभाग की ओर से प्रति हेक्टेयर तीन हजार रुपये प्रति माह तीन वर्ष तक उसकी देखरेख के लिए दिया अनुदान दिया जाएगा।
प्रश्न: बरसात में किस सब्जी की खेती कर सकते हैं?
उत्तर: बरसात में कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती प्रमुख रूप से कर सकते हैं। जैसे लौकी, नेनुआ, तोरई आदि। इसमें कम लागत में अधिक मुनाफा होता है।
प्रश्न: खरीफ की प्याज की खेती कब होती है?
उत्तर: खरीफ की फसलों में प्याज की खेती भी आती है। अगस्त तक इसकी नर्सरी पड़ेगी और फिर नवंबर-दिसंबर तक प्याज तैयार हो जाएगी। इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
प्रश्न: स्प्रिंकलर पर कितना फीसद अनुदान मिल रहा है?
उत्तर: कम पानी में सिंचाई करने से सबसे बेहतर सिस्टम है स्प्रिंकलर। इस पर दो हेक्टेयर तक के किसानों को 90 फीसद और दो हेक्टेयर से अधिक के किसानों को 80 फीसद अनुदान मिलेगा। इसके अलावा 12 फीसद जीएसटी किसान को देना होगा।
प्रश्न: बागवानी मिशन के तहत पौधे कैसे मिलेगा?
उत्तर: बागवानी मिशन के तहत किसानों को निश्शुल्क फलदार पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। जो किसान जितना चाहे पौधे लगा सकता है। इसमें आम, आंवला, बेल, कटहल, अमरूद आदि के पौधे उपलब्ध होंगे।
प्रश्न: इस बार कितने रकबे में केले की खेती का लक्ष्य मिला है?
उत्तर: सरकार ने इस बार केले की खेती का लक्ष्य कम कर दिया है। पिछले वर्ष 140 हेक्टेयर खेती पर अनुदान मिलता था, इस बार केवल 45 हेक्टेयर का लक्ष्य मिला हुआ है।
इन्होंने किया फोन
- अभिषेक राय-सिखड़ी, अजीत-धुरेहरा, अच्छेलाल चौहान-भोजापुर, दीपक स्वर्णकार-करीमुद्दीनपुर, रामजीत कुशवाहा-उचौरी, कोमल यादव-मुहम्मदाबाद, राकेश राय-रेवतीपुर, उमेश सिंह-करंडा एवं शशिकांत यादव-कासिमाबाद।