किसानों के नहीं आने से सूने पड़े धान क्रय केंद्र
किसानों की सहूलियत के लिए सरकार ने इस बार निर्धारित समय एक नवंबर से दो सप्ताह पूर्व 15 अक्टूबर से ही धान क्रय केंद्र खोल दिया लेकिन यह सूने पड़े हुए हैं। किसान अभी यहां झांकने भी नहीं आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : किसानों की सहूलियत के लिए सरकार ने इस बार निर्धारित समय एक नवंबर से दो सप्ताह पूर्व 15 अक्टूबर से ही धान क्रय केंद्र खोल दिया, लेकिन यह सूने पड़े हुए हैं। किसान अभी यहां झांकने भी नहीं आ रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि खुलने के दो सप्ताह बाद भी नौ एजेंसियां मिलकर महज 10 किसानों ने 24 टन ही धान खरीद पाई हैं। इसको लेकर संबंधित एजेंसियां निराश हैं।
इस बार धान क्रय का लक्ष्य भी सरकार ने बढ़ाकर दो लाख एमटी कर दिया है, जो पिछले वर्ष से अधिक है। अधिक से अधिक किसानों की पहुंच क्रय केंद्रों तक हो, इसके लिए इस बार 136 क्रय केंद्र खोले गए हैं, जबकि पिछले वर्ष 94 क्रय केंद्र थे। फिलहाल धान खरीद के जो हालात हैं, अगर यही आगे भी रहा तो लक्ष्य पूरा होना तो दूर, 50 फीसद भी खरीद नहीं हो पाएगी।
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शासन कर रहा निगरानी
धान क्रय केंद्रों की शासन लगातार निगरानी कर रहा है। जिलाधिकारी एमपी सिंह बैठक लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर चुके हैं। सभी क्रय केंद्रों पर किसानों की सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। कोविड-19 के प्रोटोकाल का भी पालन करना है। हर दिन की रिपोर्ट बनाकर खाद्य विपणन विभाग की ओर से शासन को प्रेषित की जा रही है।
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बढ़ा है समर्थन मूल्य
किसानों के धान का समर्थन मूल्य इस बार भी बढ़ाया गया है। अब 1867 रुपये प्रति क्विटल धान की खरीद हो रही है, जबकि खुले बाजार में इसकी कीमत 13 से 14सौ रुपये प्रति क्विटल चल रहा है। क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए किसानों को आनलाइन पंजीकरण कराना होगा। धान देने के 72 घंटे के भीतर ही उसका भुगतान उसके बैंक खाते में कर दिया जाएगा।
वर्जन--
इस बार क्रय केंद्र 15 दिन पहले ही खोल दिए गए ताकि किसानों को कोई समस्या न हो। हालांकि अभी तक अधिकांश किसानों का धान खेत में और उसकी कटाई चल रही है। इस जिले में 10 नवंबर के बाद ही केंद्रों पर धान की आवक शुरू होती है। इस बार भी किसानों में क्रय केंद्र को लेकर काफी उत्साह है और खरीद लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
- रतन कुमार शुक्ला, जिला खाद्य विपणन अधिकारी।