धान खरीद का पोर्टल हुआ फेल तो विभाग ने बढ़ाई डेट
जासं, गाजीपुर: धान खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए शासन द्वारा तरह-तरह का प्रयोग किया ज
जासं, गाजीपुर: धान खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए शासन द्वारा तरह-तरह का प्रयोग किया जा रहा है। यह नवीन प्रयोग किसानों के गले की फांस बनता जा रहा है। इस बार धान बेचने के लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीयन कराना है लेकिन वह पोर्टल फेल हो गया। इसे देखते हुए विभाग ने आनलाइन पंजीयन की तिथि 15 सितंबर तक बढ़ा दिया है। इससे पहले अंतिम तिथि 31 अगस्त थी लेकिन अब तक बमुश्किल 16 सौ किसान ही आनलाइन पंजीयन करा पाए हैं।
किसानों को उनकी उपज का दोगुना मूल्य देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए वह रोज नया-नया फार्मूला लागू कर रही है। इसी क्रम में वर्ष 2018-2019 में किसानों के धान का समर्थन मूल्य दो सौ रुपये प्रति ¨क्वटल बढ़ा दिया है। इसके साथ कई नए नियम भी लागू किए गए हैं। इसी के तहत सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए किसानों को आनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए विभागीय पोर्टल 25 जुलाई से ही खुला हुआ है। शुरू में कई दिन तक पोर्टल पर सारा डाटा भरने के बाद लाक नहीं हो रहा था। फिर बाद में इसमें कुछ सुधार आया लेकिन पूरी क्षमता के साथ अभी भी काम नहीं कर रहा है। ऐसे में किसान साइबर कैफे पर जाकर परेशान हो रहे हैं। देवकठियां गांव निवासी किसान राजेश यादव ने बताया कि वह पिछले दो दिन से साइबर कैफे पर जा रहे हैं लेकिन पोर्टल खुल ही नहीं रहा है। अगर कभी खुल भी रहा है तो इतना धीमा चल रहा है कि डाटा अपलोड ही नहीं पा रहा है। मिट्ठापारा के किसान कुमार यादव ने बताया कि वह साइबर कैफे पर कई बार गए लेकिन अब तक पंजीयन नहीं हो पाया है। अगर यही हाल रहा तो हम लोग धान बेचने से रहे। किसानों ने मांग किया कि विभाग को इसकी प्रक्रिया थोड़ी सरल करनी चाहिए ताकि किसान आसानी से अपना धान बेच सकें। जब किसान धान बेच ही नहीं पाएंगे 15 सितंबर तक होगा पंजीयन
- आनलाइन पंजीकरण कराने के लिए चलाए जा रहे विभागीय पोर्टल में शुरू में कुछ समस्या आयी लेकिन अब उसे ठीक कर दिया गया है। अब तक 1680 किसानों ने पंजीकरण कराया है। शासन ने पंजीयन की डेट 15 सितंबर तक बढ़ा दिया है। इसका पत्र प्राप्त हो गया है। अगर आनलाइन पंजीकरण में कोई समस्या आ रही है तो हमारे मोबाइल नंबर 8004862429 पर फोन किया जा सकता है।
- रतन कुमार शुक्ल, जिला खाद्य विपणन अधिकारी।