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मेमो ट्रेन के परिचालन से हाल्ट व छोटे स्टेशनों की बढ़ी रौनक

दस दिन ही सही मगर स्पेशल मेमो ट्रेन का परिचालन शुरू होने से बारा कलां हाल्ट व छोटे स्टेशनों पर रौनक बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 11:11 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 11:11 PM (IST)
मेमो ट्रेन के परिचालन से हाल्ट व छोटे स्टेशनों की बढ़ी रौनक
मेमो ट्रेन के परिचालन से हाल्ट व छोटे स्टेशनों की बढ़ी रौनक

जागरण संवाददाता, बारा (गाजीपुर) : दस दिन ही सही, मगर स्पेशल मेमो ट्रेन का परिचालन शुरू होने से बारा कलां हाल्ट व छोटे स्टेशनों पर रौनक बढ़ गई है। इस ट्रेन के परिचालन से यात्रियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। रेल विभाग द्वारा शनिवार से पटना से दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन के लिए कोविड स्पेशल मेमो ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया है।

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गौरतलब हो कि विगत 22 मार्च से कोविड के रोकथाम के लिए देशभर में लाकडाउन लगाए जाने से ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था, जिसके बाद से बारा जैसे हाल्ट स्टेशन वीरान पड़ गए थे। तब से अब तक हाल्ट पर पैसेंजर ट्रेन का ठहराव होता था और न ही यात्री नजर आते थे। अब जबकि आठ माह बाद शनिवार से कोविड स्पेशल ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया है, जिससे हाल्ट व छोटे स्टेशनों की रौनक बढ़ गई है। इस ट्रेन के परिचालन से दैनिक यात्री से लेकर व्यवसायी व किसान भी काफी खुश हैं। हालांकि अभी ट्रेन पकड़ने वालों की संख्या कम है। बारा कलां हाल्ट पर ट्रेन के इंतजार में जुनेद अहमद, संतोष कुमार, शाहिद खां, शैलेंद्र चौहान, अरविद यादव आदि कई लोगों ने बताया कि भदौरा, दिलदारनगर, जमानियां, मुगलसराय, वाराणसी के लिए कोई संसाधन न होने से परेशानी होती थी। इस ट्रेन के परिचालन से थोड़ी बहुत राहत मिली। इस तरह और पैसेंजर मेमो के अलावा, इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन प्रारंभ हो जाता तो वाराणसी-पटना आने-जाने वाले लोगों को सहूलियत मिल जाती। पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन बंद होने से परेशानी

जागरण संवाददाता, जखनियां (गाजीपुर): कोरोना काल से ही वाराणसी व मऊ रूट पर पैसेंजर ट्रेनों के बंद होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जखनियां से वाराणसी हो या मऊ तक जाने के लिए कोई साधन नहीं है। साधन संपन्न लोग अपने निजी वाहन से आवागमन कर रहे हैं। छठ जैसे प्रमुख त्योहार पर महानगरों से आने वालों को परेशानी होती है। साथ ही रोगियों को भी बेहतर उपचार करवाने के लिए मऊ या वाराणसी तक जाने के लिए एकमात्र ट्रेन ही सहारा है। जबकि जखनियां से सरकारी बसों का संचालन भी नहीं किया जाता है। सोमनाथ पांडेय, कन्हैया यादव, दुर्गा प्रसाद, अच्छेलाल चौहान, मिटू पांडेय सहित व्यापारियों ने रेल प्रशासन से इस रूट पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की मांग की है।


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