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आधार कार्ड के बावजूद ग्रामीण होने का दर्जा नहीं

दुल्लहपुर (गाजीपुर) बांसफोर परिवारों का झोपड़ी ही ठिकाना है। अब तक इन्हें आवास भी नहीं मिला है। निर्वाचन कार्ड व आधार कार्ड होने के बावजूद गांव के सरहद पर होने का हवाला देकर सचिव इन्हें ग्रामीण होने का दर्जा नहीं देते हैं। दिखाने के लिए घरों में मीटर लग गया लेकिन बिजली नहीं मिलती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 04:40 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 04:40 PM (IST)
आधार कार्ड के बावजूद ग्रामीण होने का दर्जा नहीं
आधार कार्ड के बावजूद ग्रामीण होने का दर्जा नहीं

जागरण संवाददाता, दुल्लहपुर (गाजीपुर) : बांसफोर परिवारों का झोपड़ी ही ठिकाना है। अब तक इन्हें आवास भी नहीं मिला है। निर्वाचन कार्ड व आधार कार्ड होने के बावजूद गांव के सरहद पर होने का हवाला देकर सचिव इन्हें ग्रामीण होने का दर्जा नहीं देते हैं। दिखाने के लिए घरों में मीटर लग गया लेकिन बिजली नहीं मिलती है। यह हाल है सिखड़ी, धीरजीजोत व चकमूलक गांव के बांसफोर परिवारों का। तीनों गांवों के सचिव इन लोगों को अब तक आवास, वृद्धा पेंशन समेत कोई भी योजनाओं का लाभ नहीं दिलाए हैं।

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सरकार द्वारा तमाम कल्याणकारी योजनाएं चलाकर गरीब व असहाय लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें से किसी भी योजनाओं का लाभ पांच बांसफोर परिवारों को नहीं मिल पा रहा है जिससे वे अभाव के बीच गुजर बसर कर रहे हैं। क्षेत्र के सिखड़ी, नसरतपुर धीरजी व चकमूलक गांव के सरहद पर पांच बांसफोर परिवार झोपड़ी पर तिरपाल लगाकर रहते हैं। इसमें मनिहारी ब्लाक में चकमलूक व सिखड़ी तथा जखनियां ब्लाक में नसरतपुर धीरजी गांव आता है। आंधी, पानी, धूप कुछ भी हो झोपड़ी ही इनका ठिकाना है। सरकार द्वारा पीएम आवास के तहत लोगों का पक्का घर बनाया जा रहा है लेकिन अब तक इनकी सुधि नहीं ली जा गई। वृद्धा, विधवा, पेंशन हो या अन्य योजना किसी को इसका लाभ इन्हें नहीं मिल पाता है। नसरतपुर धीरजी के ग्राम पंचायत अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि हमारी ग्राम पंचायत में ये नहीं आते हैं। प्रधान का भी यही कहना है। मुसाफिर बांसफोर आजादी के बाद से ही यहां रहते हैं। इनकी चार संतानों का परिवार भी अब इसी स्थान पर रहता है। इन लोगों ने सिखड़ी ग्रामसभा में अपना निर्वाचन कार्ड भी बनवा लिया है इसके बावजूद कोई लाभ नहीं मिलता है।

कराई जाएगी जांच

अभी यहां पर आए एक माह ही हुआ है। संबंधित सचिवों से इसकी जांच कराई जाएगी। पात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ अवश्य दिलाया जाएगा।

-दिनेश कुमार मौर्या, बीडीओ, मनिहारी।


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