प्रस्तावित कार्यों के लिए धन नहीं, नया कहां से सोचें
प्रस्तावित कार्यों के लिए धन नहीं नया कहां से सोचें
प्रस्तावित कार्यों के लिए धन नहीं, नया कहां से सोचें
गांव की सरकार धन की कमी से जूझ रही है, यूं कहिए तो विकास कार्यों में धन की कमी ही आड़े आ रही है। प्रधान कुछ कार्य भी करा दिए हैं, जिनका भुगतान नहीं हो पा रहा है, प्रतिदिन उनके यहां विल्डिंग मैटेरियल वाले तगादा कर रहे हैं, लेकिन खाता खाली होने के कारण वह पूरी तरह से लाचार हैं। गांव के विकास के लिए प्रस्ताव बनाकर भी भेज रहे हैं, लेकिन उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जा रहा है। रेवतीपुर ब्लाक के यशस्वी प्रधान ने दैनिक जागरण से बातचीत में अपनी समस्याओं को बताया। प्रस्तुत है उसके कुछ अंश
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कायाकल्प का नहीं हुआ भुगतान
टौगा की ग्राम प्रधान रीता यादव ने बताया कि कायाकल्प, दिव्यांग शौचालय, बालक-बालिका शौचालय का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। नया कहां से कर सकते हैं।
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विल्डिंग मैटेरियल वाले कर रहे तगादा
साधोपुर उर्फ रामपुर की ग्राम प्रधान मंशा राय ने बताया कि जब ई-पेमेंट शुरु हुआ तब से परेशानी है। अभी तक पंचायत भवन का भुगतान नहीं हुआ। विल्डिंग मैटेरियल वाले तगादा कर रहे हैं।
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आगे की सोच भी नहीं पा रहे
दुल्लहपुर के ग्राम प्रधान संतोष चौधरी ने बताया कि गांव में दो सीसी सड़क का निमार्ण कराया है, लेकिन धन के अभाव में अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। आगे की हम सोच भी नहीं पा रहे हैं।
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प्रस्ताव पर नहीं हो रही सुनवाई
उधरनपुर के ग्राम प्रधान जंगबहादुर ने बताया कि पंचायत भवन का सुंदरीकरण कराने के साथ-साथ सड़क का भी प्रस्ताव दिया लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ है।
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15वें वित्त में है देर
नौली के ग्राम प्रधान जमशेद राईनी ने बताया कि 15वां वित्त में लेट होने से विकास कार्य रुका हुआ है। प्रस्ताव देने पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।