टाउनहाल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने की थी जनसभा
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जितेंद्र यादव
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जासं, गाजीपुर : सन 1938 की बात है। देश में स्वतंत्रता का आंदोलन चरम पर था। गाजीपुर जिले के कई सेनानी स्वतंत्रता के लिए अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार थे। उस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बाबू परशुराम राय ने नेताजी को गाजीपुर आगमन का न्योता दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। नेताजी तय समय पर गाजीपुर आए और बाबू परशुराम राय ने जिला परिषद के टाउन हाल में उनकी जनसभा कराई।
इस सभा का जबरदस्त प्रभाव हुआ और बड़ी संख्या में लोगों ने मुल्क को स्वतंत्र कराने का प्रण किया। सुभाष चंद्र बोस तब तक फिरंगी फौज से आमने-सामने की लड़ाई के लिए ठान चुके थे। इसके दो वर्ष बाद ही वह भूमिगत हो गए और जापान जाकर आजाद ¨हद फौज का गठन किया। कांग्रेस का जिला कार्यालय रायगंज मुहल्ले में पार्टी जिलाध्यक्ष बाबू परशुराम राय के निवास में ही था। हालांकि उनका मूल निवास मलसा गांव में था। उनके परिवार का कारोबार कोलकाता में भी था। वह खुद भी स्वतंत्रता सेनानी थे। उस समय सुभाष चंद्र बोस की ख्याति पूरे उत्तर भारत में फैल चुकी थी। बाबू परशुराम राय की प्रबल इच्छा थी की वे सुभाष चंद्र बोस को गाजीपुर बुलाएं और पूर्वी उत्तर प्रदेश के चुने सेनानियों व जिले के आम जन को उनसे रूबरू कराएं। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस जो तब अखिल भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे, उनसे संपर्क किया और उन्हें गाजीपुर आने का न्योता दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। आजादी के बाद भी बाबू परशुराम राय के मकान में ही कांग्रेस का कार्यालय था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद जमाल जैदी बताते हैं कि आजादी के बाद भी 26 जनवरी को झंडा इसी कार्यालय पर फहराया जाता था और पूरे दिन जश्न का माहौल रहता था।