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कथा को आचरण में उतारने की आवश्यकता

सुहवल गांव स्थित संत श्री मानदास बाबा के तपोस्थली में धनुषमेला।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 09:04 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 09:04 PM (IST)
कथा को आचरण में उतारने की आवश्यकता
कथा को आचरण में उतारने की आवश्यकता

जागरण संवाददाता, रेवतीपुर (गाजीपुर) : सुहवल गांव स्थित संत श्री मानदास बाबा के तपोस्थली में धनुषयज्ञ मेला के पूर्व नौ दिवसीय रामचरितमानस कथा महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है। उधर, पांचवें दिन शुक्रवार की देर शाम को बाल कलाकारों ने ताड़का वध का मंचन कर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान कथा वाचिका प्रीति उपाध्याय ने मौजूद श्रद्धालुओं को भक्ति का रसपान कराते हुए कहा कि भगवान की विचित्र कथाएं हैं। बुद्धि से नहीं पकड़ी जाती, कथा को आचरण में उतारने का प्रयास करो।

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जब भी विश्वामित्र यज्ञ करते थे मारीच-सुबाहु का आतंक सताने लगता था। ऐसे में यज्ञ की रक्षार्थ मुनि विश्वामित्र अयोध्या के महाराज दशरथ के दो पुत्र राम और लक्ष्मण को अपने साथ लाते हैं। मार्ग में प्रभु श्री राम ताड़का नाम की राक्षसी का वध करते हैं। मुनि विश्वामित्र दोनों राजकुमारों को अपने आश्रम में लाकर उन्हें कंद मूलफल का भोजन कराते हैं। कथा के दौरान भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूम उठे, आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु रहे।


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