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सामाजिक न्याय की लड़ाई के महान योद्धा थे मुंशी प्रेमचंद्र

जासं गाजीपुर कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र की 139 वीं जयंती पर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न विद्यालयों व संस्थाओं की ओर से बुधवार को गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनके व्यक्तित्व व रचनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया। साथ ही वक्ताओं ने उन्हें साहित्यकार ही नहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व सामाजिक न्याय की लड़ाई का महान योद्धा भी बताया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 10:33 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 06:26 AM (IST)
सामाजिक न्याय की लड़ाई के महान योद्धा थे मुंशी प्रेमचंद्र
सामाजिक न्याय की लड़ाई के महान योद्धा थे मुंशी प्रेमचंद्र

जासं, गाजीपुर : कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र की 139 वीं जयंती पर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न विद्यालयों व संस्थाओं की ओर से बुधवार को गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनके व्यक्तित्व व रचनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया। साथ ही वक्ताओं ने उन्हें साहित्यकार ही नहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व सामाजिक न्याय की लड़ाई का महान योद्धा भी बताया।

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शहर के सरजू पांडेय पार्क में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने कहा कि हिदी व उर्दू की दुनिया के महान लेखकों में एक थे। राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ने के बावजूद उनका लेखन कार्य सुचारू रूप से चलता रहा। जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव, नन्हे, भाजपा नेता विजय शंकर राय, राजेश कुशवाहा, परमानंद श्रीवास्तव मौजूद रहे। अध्यक्षता प्रांतीय उपाध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ने किया। आरबी केंद्रीय विद्यालय सिधउत कासिमाबाद में श्रवण चौरसिया, साधना वर्मा ने प्रकाश डाला। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिदी विभाग में डा. निरंजन कुमार ने कहा कि हिदी कथा साहित्य को स् थापित करने का श्रेय कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद को जाता है। डा. शिव कुमार ने प्रेमचंद की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हाशिए के समाज को अपनी रचनाओं में प्रमुखता से उठाने का श्रेय इन्हीं को ही जाता है। डा. संतन कुमार राम ने प्रेमचंद की कहानी मंत्र व ईदगाह के माध्यम से उन्हें आत्म गौरव मर्यादा व नैतिक मान्यताओं को स्थापित करने वाला रचनाकार बताया। डा. संगीता मौर्य ने कहा कि वे व्यवहार और विचारों का सामंजस्य बैठाने वाले रचनाकार है। प्राचार्य डा. सविता भारद्वाज ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से लेखक के व्यक्तित्व एवं उसकी सामाजिक सरोकार से रूबरू हो पाते हैं तथा उनकी उपादेयता हमारी समझ में आने लगती हैं। संचालन सुनीता कुशवाहा ने किया। पीजी कालेज में वर्तमान दौर व प्रेमचंद्र विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डा. पीएन सिंह ने कहा कि प्रेमचंद्र कितने अर्थवान है इसका पता उनके युगीन स्थापित साहित्यिक आस्वाद के धरातल से चलता है। धर्मनारायण मिश्र ने कहा कि वर्तमान दौर में व्याप्त दलित व स्त्री विषयक प्रश्नों को प्रेमचंद्र साहित्य से जोड़कर देखने की जरूरत है। डा. ऊषा भारती, डा. रविशंकर सिंह, डा. रामनारायण तिवारी, प्राचार्य डा. समर बहादुर सिंह मौजूद थे। संचालन डा. संजय चतुर्वेदी ने किया।

बिरनो : आजाद इंटर कालेज फतेहपुर रामपुर में गोष्ठी आयोजित कर शिक्षाविदों ने मुंशी प्रेमचंद्र की जीवनी व उनकी रचनाओं पर प्रकाश डाला। इस मौके पर कवि रामनिवास यादव, प्रधानाचार्य रामबदन यादव, सुदर्शन यादव थे। अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य हृदयनारायण राय व संचालन अमरदेव यादव एवं आभार रामबदन यादव ने प्रकट किया।

जमानियां : हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सेमिनार कक्ष में महान कथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई। यहां मुख्य वक्ताओं में साहित्यकार राजेंद्र प्रसाद, डा. अंगद प्रसाद तिवारी, डा. मदन गोपाल मौजूद थे। अध्यक्षता प्राचार्य डा. शरद कुमार व संचालन डा. अखिलेश शर्मा शास्त्री ने किया। खानपुर : साहित्यकार डा. रामजी सिंह बागी के सिधौना स्थित आवास पर उपन्यास सम्राट की 139 वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर कवि प्रेमशंकर मिश्रा, लोक गायक विनोद सिंह, लेखक विजय यादव उपन्यासकार जय मिश्र उपस्थित थे।


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