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आज से सजेगा मां का दरबार, पूजी जाएंगी शैलपुत्री

जागरण संवाददाता गाजीपुर शारदीय नवरात्र का प्रारंभ शनिवार से हो रहा है। पर्व का शुभार

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 05:39 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 05:39 PM (IST)
आज से सजेगा मां का दरबार, पूजी जाएंगी शैलपुत्री
आज से सजेगा मां का दरबार, पूजी जाएंगी शैलपुत्री

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : शारदीय नवरात्र का प्रारंभ शनिवार से हो रहा है। पर्व का शुभारंभ होते ही पूजन-अर्चन के साथ कलश स्थापना व प्रथम देवी शैल पुत्री की आराधना की जाएगी। जिले के सभी देवी मंदिरों पर तैयारियां चल रही हैं। मंदिरों के बाहर चुनरी, श्रृंगार प्रसाधन आदि की दुकानें भी सजी हुई हैं तथा मेले जैसा दृश्य है। शुक्रवार को देर रात्रि तक आस्थावान श्रद्धापूर्वक एक-एक तैयारियां पूरी करने में लगे रहे। बाजार में कट्टू के आटा एवं फलों की खरीदारी देर रात तक होती रही।

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नवरात्र व नव दुर्गा पर्व को लेकर आस्थावानों में उत्साह है। देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की सफाई कर उनके वस्त्र व माला आदि बदले जा रहे हैं। प्रथम व अंतिम दिन तथा नौ दिन व्रत रखने के साथ घरों में दीप जलाने, कलश स्थापना आदि की तैयारियां की जा रही हैं। गोराबाजार, मिश्र बाजार, लालदरवाजा, नवाबगंज, चीतनाथ आदि स्थित देवी मंदिरों में साफ-सफाई का काम पूरा हो चुका है। परिसर में काफी रौनक दिख रही है। गहमर : नवरात्रि पर्व को लेकर भक्तों ने तैयारी शुरू कर दी है। मां कामाख्या धाम मंदिर के महंत पंडित आकाश राज तिवारी के अनुसार इस बार देवी का आगमन घोड़ा पर और गमन भैंसे पर होगा। कलश स्थापना करने का प्रात: 8 बजकर 16 मिनट 10 बजकर 31 मिनट तक का योग है। वहीं अभिजीत मुहूर्त 11 : 36 से 12 : 24 तक है। इसके अलावा 2 : 34 बजे से 3 : 58 बजे तक और शाम 7 : 13 से 9 : 12 तक स्थिर लग्न है। इसमें भी कलश स्थापना की जा सकती है। कलश स्थापना नियम पूर्वक 12 : 24 तक कर लेना सबसे अच्छा होगा। आचार्यों के अनुसार कलश स्थापना के लिए मिट्टी के कलश का उपयोग उत्तम होता है। यदि संभव नहीं है तो फिर लोटे को कलश बना सकते हैं कलश स्थापना के लिए कलश, स्वच्छ मिट्टी, थाली, कटोरी, जल, ताम्र, कलश, मिट्टी का पात्र, दुर्वा, इत्र, चंदन, चौकी, लाल वस्त्र, रुई, नारियल, चावल, सुपारी, रोली, मोली, जौ, धूप दीप नैवेद्य, अबीर, गुलाल, केसर, सिदूर, लोंग, इलाइची, पान, श्रृंगार, सामग्री, शक्कर, शुद्ध घी, वस्त्र, आभूषण, बिल्ब पत्र, योगोपवीत, दूध, दही, गंगाजल, शहद आदि रहना चाहिए। दूसपी ओर लोगों में नवरात्र को लेकर उत्साह है लेकिन कोरोना संकट के कारण पंडाल पूजा पर रोक लगाने से भक्तों में दुख और आक्रोश भी है।

पंडाल स्थल की मिट्टी पर सजेगा दुर्गा कलश

खानपुर : प्रशासनिक अनुमति के अभाव में दुर्गापूजन समिति के लोगों की समस्या बढ़ गयी है। कोविड संक्रमण के प्रसार को देखते हुए सार्वजनिक स्थलों पर मूर्ति स्थापित न करने की आदेश के बाद पूजा समिति के लोगों का कहना है कि जिस पूज्यभूमि पर पंडाल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है उस पंडाल स्थल को नवरात्रि में खाली छोड़ना शास्त्रसम्मत नहीं है। समिति के लोग सार्वजनिक स्थलों पर मूर्ति रखने के बजाय अपने घरों में कलश स्थापना पर नवदुर्गा का पूजापाठ करेंगे। कर्मकांडी ब्राह्मण रामधनी त्रिपाठी बताते है कि पंडाल स्थल की थोड़ी मिट्टी लेकर यदि घर में स्थापित कलश के नीचे रख दिया जाय तो स्थल पूजन का कार्य भी संपादित हो जाता है। क्षेत्र की अधिकांश रामलीला समितियां अनुमति के अभाव और कोविड बचाव के कड़े प्रावधानों की वजह से प्रतिदिन रामलीला मंच पर रामायण की पूजन आरती कर मंच की औपचारिकता निभाएंगी।

विद्यालय निदेशक व शिक्षकों ने की साफ-सफाई

मुहम्मदाबाद : नवरात्र में स्वच्छता को देखते हुए डालिम्स सनबीम स्कूल गांधीनगर के निदेशक हर्ष राय के नेतृत्व में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं व अन्य कर्मियों ने मां कष्टहरणी भवानी मंदिर करीमुद्दीनपुर जाकर मंदिर के साथ साथ पूरे परिसर की साफ सफाई की। श्री राय ने पुजारी राजकुमार पांडेय को थर्मल स्कैनिग मशीन उपलब्ध कराया गया। अभियान में मिकू राय, अनुष्का गुप्ता, नेहा राय, पूजा सिंह, नेहा राय द्वितीय, अमित राय, मोकीम अंसारी आदि शामिल थे।


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