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कार के धक्के से मदरसा शिक्षक की मौत, रास्ता जाम

थाना क्षेत्र के डहराकलां गांव के पास मंगलवार की सुबह अनियंत्रित कार के धक्के से मदरसा शिक्षक अनवार हुसैन खां (41) की मौत हो गई। दुर्घटना के बाद कार खड़े आटो में टक्कर मारने के बाद सड़क किनारे जाकर बंद हो गई। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और चालक की पिटाई के साथ ही सैदपुर-बहरियाबाद मार्ग पर सुबह करीब सात बजे जाम लगा दिए। इसकी जानकारी होने पर पुलिस पहुंची और समझाने का प्रयास की लेकिन वे नहीं माने। वे उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग कर रहे थे। कुछ देर बाद एसडीएम शिशिर कुमार यादव पहुंचे और मुआवजा दिलाने का आश्वासन देकर शांत कराए, तब जाकर नौ बजे जाम समाप्त हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 10:10 PM (IST)
कार के धक्के से मदरसा शिक्षक की मौत, रास्ता जाम
कार के धक्के से मदरसा शिक्षक की मौत, रास्ता जाम

जासं, सैदपुर (गाजीपुर) : थाना क्षेत्र के डहराकलां गांव के पास मंगलवार की सुबह अनियंत्रित कार के धक्के से मदरसा शिक्षक अनवार हुसैन खां (41) की मौत हो गई। दुर्घटना के बाद कार खड़े ऑटो में टक्कर मारने के बाद सड़क किनारे जाकर बंद हो गई। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और चालक की पिटाई कर दी। उग्र भीड़ ने सैदपुर-बहरियाबाद मार्ग पर सुबह सात बजे जाम लगा दिया। इसकी जानकारी होने पर पुलिस पहुंची और समझाने का प्रयास शुरू किया लेकिन लोग नहीं माने। भीड़ उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग कर रही थी। कुछ देर बाद एसडीएम शिशिर कुमार यादव पहुंचे और मुआवजा दिलाने का आश्वासन देकर भीड़ को शांत कराया, तब जाकर नौ बजे जाम समाप्त हुआ।

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करंडा थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव निवासी अनवार हुसैन खां डहराकला स्थित मदरसा अनरूल इस्लाम हरकला में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। रोज की भांति वह सुबह बस से मदरसा गए। मदरसा के पास में ही स्थित डहराकलां चट्टी पर सड़क पार करने के लिए खड़े थे कि बहरियाबाद की तरफ से तेज गति से आ रही कार धक्का मारने के बाद बगल में खड़े आटो से टकरा गई। कार से धक्का लगते ही वह कुछ दूर सड़क पर गिर गए। यह देख आसपास के लोग पहुंचे और अनवार को उठाकर सैदपुर स्थित निजी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। फिलहाल मऊ जनपद के कारण चालक कमला प्रसाद को पुलिस थाने में बैठाई है। --- व्यवहारकुशल थे अनवार

अनवार काफी व्यवहारकुशल थे। विद्यालय के साथ ही आसपास के लोगों से उनका अच्छा संबंध था। उनकी मौत का पता चलते ही ग्रामीण की भीड़ इकट्ठा हो गई। वह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। अपने पीछे पुत्री नेहा खातून व पुत्र अली खां के अलावा पत्नी यास्मिन खातून को छोड़ गए हैं। उनकी मौत से सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। --- चालक ने कहा, मुझे कुछ समझ में नहीं आया

पकड़ा गए चालक कमला प्रसाद ने बताया कि मैं पूरी कंट्रोल में कार चला था। कार सवार लोगों को बाबतपुर एयरपोर्ट छोड़ने जा रहा था। अचानक से कार अनियंत्रित हो गई। मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया। कैसे दुर्घटना हो गई। ग्रामीणों की पिटाई से चालक को भी काफी चोटें पहुंची हैं। ---

चालक की पैरवी करने वाला पिटा

हादसे के बाद एक व्यक्ति वहां पहुंचा और उसने चालक की पैरवी करनी चाही कि उसकी कोई गलती नहीं है। इतना सुनते ही ग्रामीणों ने उस व्यक्ति की पिटाई कर दी। किसी तरह वह अपनी जान बचाकर वहां से भागा।


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