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सभी राजकीय विद्यालयों में खुलेंगे पुस्तकालय

छात्र-छात्राओं में पढ़ने की रूचि पैदा करने और अध्ययन व मनन के प्रति उन्हे क्रियाशील बनाने के उद्देश्य से राजकीय विद्यालयों में अब पुस्तकालय खोले जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 11:13 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 11:13 PM (IST)
सभी राजकीय विद्यालयों में खुलेंगे पुस्तकालय
सभी राजकीय विद्यालयों में खुलेंगे पुस्तकालय

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : छात्र-छात्राओं में पढ़ने की रूचि पैदा करने और अध्ययन व मनन के प्रति उन्हे क्रियाशील बनाने के उद्देश्य से राजकीय विद्यालयों में अब पुस्तकालय खोले जाएंगे। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक का निर्देश जिला विद्यालय निरीक्षक डा. ओपी राय को मिला है। इस पर उन्होंने प्रत्येक राजकीय विद्यालयों को पुस्तकालय खोलने की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए आदेश भी जारी कर दिया है।

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समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक योजना के अन्तर्गत विद्यालय पुस्तकालय संवर्धन के लिए धनराशि भी आवंटित की गई है। इस धनराशि का उपयोग विद्यालय मे पुस्तकालय समिति का गठन करके खर्च किया जाएगा। समिति का अध्यक्ष प्रधानाचार्य होंगे, जबकि एक शिक्षक, तीन से पांच छात्र पुस्तकालय कप्तान के रूप मे समिति मे शामिल होंगे। इसके अलावा प्रबंध समिति का एक सदस्य भी शामिल रहेगा। हर माह समिति की एक बार बैठक होगी। विद्यालय पुस्तकालय संवर्धन के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए छात्र पुस्तकालय काउंसिल का गठन भी किया जाएगा। इसके अलावा बुक क्लब, प्रश्नोत्तरी क्लब, वाद-विवाद क्लब का गठन किया जाएगा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालय के सहायक वित्त एव लेखाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय मे एक पुस्तक निर्गमन पंजिका रखी जाएगी जिसमे आवंटित पुस्तकों का वितरण दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा एक सुझाव रजिस्टर रखा जाएगा जिसमे आए सुझाव दर्ज किए जाएंगे। इस सुझाव पर विद्यालय समिति विचार-विमर्श कर निर्णय लेगी। छात्र-छात्राओं में पढ़ने की रुचि पैदा करने के लिए समय-समय पर विद्यालयों में पुस्तकों की प्रदर्शनी, समारोह, प्रतियोगिताएं और पुस्तक मेले लगाए जाएंगे। विभाग द्वारा समय-समय पर निरीक्षण करके छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराई गई पुस्तकों की उपयोगिता को परखा जाएगा। राजकीय हाई स्कूल सौरी के प्रधानाचार्य राम अवतार यादव ने बताया कि विद्यालय पुस्तकालय संचालन से छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों की भी रुचि पुस्तकें पढ़ने के प्रति बढेगी। इससे उनका ज्ञानव‌र्द्धन होगा। पाठ्य क्रम से हट अन्य पुस्तकों को पढ़ने का अवसर मिलेगा। इससे छात्र एवं शिक्षकों का अतिरिक्त ज्ञान बढेगा। पुस्तकालय का सक्रिय संचालन हर विद्यालय में होना चाहिए।


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