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बजट के अभाव में सूख रही किचन गार्डेन योजना

- परिषदीय विद्यालयों में बनाना था किचन गार्डेन - 410 विद्यालयों का हुआ है इसके लिए चयन जागरण सं

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 09:40 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:02 AM (IST)
बजट के अभाव में सूख रही किचन गार्डेन योजना
बजट के अभाव में सूख रही किचन गार्डेन योजना

- परिषदीय विद्यालयों में बनाना था किचन गार्डेन

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- 410 विद्यालयों का हुआ है इसके लिए चयन

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : परिषदीय विद्यालयों में अब किचन गार्डन बनाया जाएगा। इसमें हरी सब्जियां तैयार की जाएंगी। जिन विद्यालयों में चहारदीवारी और बड़ा परिसर होगा उसमें ही किचन गार्डन बनाया जाएगा। किचन गार्डन में जो सब्जियां तैयार होंगी उनका उपयोग मिड डे मील में किया जाएगा। इससे बच्चों को ताजी हरी सब्जियां मिलेंगी जिससे उनकी सेहत भी ठीक रहेगी। हालांकि इसके लिए सरकार अभी तक बजट उपलब्ध नहीं करा पायी है, जिसके चलते यह योजना सूख रही है।इस फैसले से बच्चों को मिलने वाले दोपहर के भोजन की गुणवत्ता भी सुधरेगी और इसके साथ ही बच्चों में पौधरोपण के प्रति ललक भी बढ़ेगी।

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विद्यालयों में उगाई जाएंगी ये सब्जियां

: विद्यालयों में भिडी, पालक, लौकी, करेला, खीरा, कद्दू, तरबूज, खरबूजा, बैगन, शलजम, गाजर, मूली, टमाटर, मटर, मिर्च, पत्ता गोभी, फूल गोभी, पालक, सरसों, मेथी, सोया, धनिया, शिमला मिर्च, ब्याज, लहसुन, चुकंदर, शलजम, गाजर, मूली, चौलाई, भिडी, बैगन, सेम, अरबी, खरीफ प्याज, तुरई आदि सब्जियां उगाई जाएंगी। जिन विद्यालयों में जगह की कमी है, वहां स्कूलों में गमलों, मटकों, बोरों और जूट के थैलों में पौधे उगाए जाएंगे. प्रधानाध्यापक को ऐसी खुली जगह चयनित करनी चाहिए और जहां सूरज की रोशनी आती हो, जिससे पौधे फल-फूल सकें।

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बजट की हो रही प्रतीक्षा

: इस योजना के लिए हर स्कूल को पांच हजार रुपये मिलने वाले थे। इस योजना की पूरी तैयारी की जा चुकी हैं लेकिन अभी तक बजट नहीं मिला है। यह धनराशि सिर्फ पौधे खरीदने व अन्य छिटपुट खर्च के लिए होगी। अन्य विभागों जैसे. कृषि, सहकारिता, मनरेगा, परती भूमि व अन्य के सहयोग से वर्ष भर सब्जियां उगाई जाएंगी। मनरेगा के तहत स्टीमेट बनवाया जा रहा है। - श्रवण कुमार, बीएसए।


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