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आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार कटान पीड़ित

जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : गांव बचाने को लेकर सेमरा गंगा तट पर ग्रामीणों

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 May 2018 09:52 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2018 09:52 PM (IST)
आरपार की लड़ाई लड़ने को  तैयार कटान पीड़ित
आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार कटान पीड़ित

जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : गांव बचाने को लेकर सेमरा गंगा तट पर ग्रामीणों की ओर से चलाया जा रहा क्रमिक धरना बुधवार को 22वें दिन भी जारी रहा। धरना में बैठे ग्रामीणों ने चेताया कि अगर उनके गांव को बचाने के लिए क्षतिग्रस्त ठोकर की मरम्मत शुरू नहीं हुई तो सात मई को तहसील में पहुंचकर पूरा कामकाज ठप कर देंगे। इस बार ग्रामीण पूरी तरह से आरपार का मन बना चुके हैं।

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गांव बचाने को लेकर चल रहे क्रमिक धरना में मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि क्रमिक धरना व उनके समर्थन में अन्य सामाजिक संगठनों की ओर से उपवास, भिक्षाटन जैसे जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। कहा कि वह छह मई की बांट खोज रहे हैं, अगर छह मई तक क्षतिग्रस्त ठोकर के मरम्मत का कार्य विधिवत शुरू नहीं हो जाता है तो वह सात मई को गांव से कूच कर तहसील मुख्यालय पर पहुंचेंगे। कहा कि जब उनकी मातृ भूमि ही सुरक्षित नहीं रहेगी तो वह रहकर क्या करेंगे। वह मातृ भूमि की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। ग्रामीणों ने आपस में निर्णय लिया कि आगामी सात मई को तहसील मुख्यालय पर आयोजित घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन में लोगों की भागीदारी हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत गुरुवार से ग्रामीणों की दो टोली एक बांगर व एक करइल के गांवों में जाकर लोगों से सात मई को तहसील चलो की अपील करेंगी। क्रमिक धरना में सच्चिदानंद राय, ओमप्रकाश राय, रवींद्र राय, उमेश राय, डा.योगेश गुप्ता, विपिन बिहारी राय, रमेश राय, रामजी यादव, मुन्ना यादव, लालजी प्रजापति, वीरेंद्र खरवार, दिनेश प्रजापति, रामबचन खरवार, प्रमोद राम, संतोष यादव, नंदू यादव, सोनू यादव, कमला पाल, सर्वदेव पटेल, जितेंद्र राय, सुरेंद्र प्रजापति, उपेंद्र राय, ¨सहासन चौरसिया, जयशंकर, ददुराज राय, पारस ठाकुर, रमाशंकर प्रजापति, लक्ष्मण चौधरी, मन्नू चौधरी, गनपति कन्नौजिया आदि शामिल रहें। संचालन प्रेमनाथ गुप्ता ने किया। समाजसेवी बैठे उपवास पर

गांव को बचाने के लिए सेमरा व शिवरायकापुरा के ग्रामीणों की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन के समर्थन में क्षेत्र के युवा समाजसेवियों ने बुधवार से तहसील मुख्यालय स्थित शहीद पार्क में शहीद डा. शिवपूजन राय की प्रतिमा के समक्ष क्रमिक उपवास का कार्यक्रम शुरू किया। इस दौरान युवक अपराह्न 11 बजे से दोपहर एक बजे तक उपवास पर बैठे रहे। उपवास पर बैठे युवकों ने कहा कि कटान के चलते सेमरा व शिवराय का पुरा गांव का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। काफी दुखद पहलू है कि ग्रामीण गांव को बचाने की मांग कर रहे हैं शासन व प्रशासन में बैठे लोग पूरी तरह से उदासीन बने हुए है। उपवास कार्यक्रम में अटल राय, मनीष राय, अनिमेष प्रधान, राकेश मद्धेशिया, जेपी राय, भरत राय, राजेश राय ¨पटू, शिवानंद यादव, दयाशंकर दूबे, श्रीनारायण राय आदि शामिल थे। हजारों बीघा भूमि हो चुकी है समाहित

करीब दो दशक से कटान का दंश झेल रहे सेमरा व शिवराय का पुरा गांव के किसानों का हजारों बीघा कृषि भूमि धीरे धीरे गंगा की धारा में समाहित हो गया। उस समय हो रहे कटान से किसानों के सामने खेती बारी का संकट पैदा होता रहा, लेकिन वर्ष 2012 से जब गंगा की विभीषिका से आबादी प्रभावित होने लगी और कटान से 46 परिवारों का आशियाना गंगा की धारा में समाहित हो गया तो गांव में हाहाकार मच गया। जब आबादी प्रभावित होना शुरू हुई तो प्रशासन की भी नींद खुली। गांव को बचाने के लिए बरसात के बाद तत्कालीन विधायक पशुपति नाथ राय के प्रयास से जिलाधिकारी लोकेश एम ने काफी सक्रियता दिखाते हुए शिवराय का पुरा गांव के पास 60 मीटर बोल्डर लगाकर ठोकर का निर्माण कराया गया लेकिन यह ठोकर कारगर नहीं हुआ और वर्ष 2013 में आई विकराल बाढ़ के दौरान शिवराय का पुरा व सेमरा गांव के कुल 558 परिवारों का पक्का मकान गंगा की धारा में समाहित हो गया। 1560 मीटर बोल्डर पि¨चग कर हुआ था ठोकर निर्माण

गांव को बचाने के लिए वर्ष 2014 में तत्कालीन सांसद नीरज शेखर के प्रयास से प्रदेश की सपा सरकार ने 23 करोड़ रुपये आवंटित कर 1560 मीटर बोल्डर पि¨चग कर ठोकर निर्माण कराया गया। उक्त ठोकर को बनाने में तकनीकी कमी व मानक की अनदेखी किए जाने से वर्ष 2016 में आई बाढ़ के दौरान रामतुलाई के पास, सेमरा गांव के दीनानाथ राय व जनार्दन यादव तथा मंगला यादव के घर के पास ठोकर का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। उक्त ठोकर निर्माण को लेकर ग्रामीण एक वर्ष से लगातार प्रयास करते चले आ रहे हैं लेकिन किसी तरह की सुनवाई न होने से उन्होंने आंदोलन का रूख अख्तियार कर 22 दिनों से आंदोलनरत हैं। ग्रामीणों के आंदोलन से प्रशासन पूरी तरह से हलकान हो गया है। उसके सामने यह उपाय नहीं सूझ रहा है कि आखिर ग्रामीणों के इस आंदोलन को किस तरह से समाप्त कराएं। ठोकर मरम्मत के सवाल पर अधिकारियों का एक ही जवाब रह रहा है कि वह लगे हैं, जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू कराया जाएगा। वहीं ग्रामीण इस बात पर आमादा हैं कि अगर छह मई तक गांव को बचाने के लिए ठोकर मरम्मत का कार्य शुरू नहीं कराया गया तो वह सात मई को तहसील में घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन कर पूरा कामकाज ठप कर देंगे।


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