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हवन यज्ञ से जीव को मिलता है आत्मिक बल

जासं मनिहारी (गाजीपुर) आजाद ज्योति क्लब मनिहारी की ओर से स्वामी हरिहरा नंद महाराज की देखरेख में आठ दिवसीय संगीतमय श्रीमछ्वागवत सत्संग ज्ञान यज्ञ एवं महारुद्राभिषेक शुक्रवार को मनिहारी गांव में शुरू हुआ। इसके निमित्त पहले दिन कलश यात्रा निकाली गई। श्रद्धालु महिला व कन्याएं सिर पर कलश लेकर चल रही थीं। जयकारे से माहौल भक्तिमय हो गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 06:26 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:26 PM (IST)
हवन यज्ञ से जीव को मिलता है आत्मिक बल
हवन यज्ञ से जीव को मिलता है आत्मिक बल

जासं, मनिहारी (गाजीपुर) : आजाद ज्योति क्लब मनिहारी की ओर से स्वामी हरिहरा नंद महाराज की देखरेख में आठ दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत सत्संग ज्ञान यज्ञ एवं महारुद्राभिषेक शुक्रवार को मनिहारी गांव में शुरू हुआ। इसके निमित्त पहले दिन कलश यात्रा निकाली गई। श्रद्धालु महिलाएं व कन्याएं सिर पर कलश लेकर चल रही थीं। जयकारे से माहौल भक्तिमय हो गया।

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स्थानीय गांव के शिव मंदिर पर पूजन-अर्चन के बाद कलश यात्रा निकाली गई। सैकड़ों श्रद्धालु जयकारे लगाते चल रहे थे। गांव का भ्रमण करते हुए श्रद्धालु बेसो नदी से जल लेकर पुन: यज्ञ स्थल पर पहुंचे। वहां कलश स्थापना कर हवन पूजन किया गया। इसके बाद महारुद्राभिषेक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। स्वामी हरिहरा नंद महाराज ने बताया कि हवन यज्ञ से वातावरण शुरू होता है। साथ ही व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। ऐसा करने से धार्मिक आस्था जागृत होती है। जीव के सोच में बदलाव आता है। विचारों में बदलाव होने पर आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। भगवान को लगाए गए भोग का बचा हुआ हिस्सा मनुष्य के लिए प्रसाद बन जाता है। उन्होंने बताया कि यहां पर प्रतिदिन शाम में संगीतमय प्रवचन होगा। शिवाजी सिंह, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अभय प्रताप सिंह, ब्लाक प्रभारी सुमित सिंह, उमेंद्र सिंह, शिवम सिंह, अमरेश, अखंड, पवन सिंह, आरती, पूजा, इंद्रावती, ऋचा सिंह, धीरज, प्रतीक सिंह, मिथिलेश सिंह, सुमित सिंह, वीएन सिंह, राजन आदि थे। मलसा : श्रीहनुमत लाल जूनियर हाई स्कूल डुहिया में  श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ निमित्त चल रहे मानस कथा में संत शिव रामदास फलाहारी बाबा ने कहा कि श्रेष्ठ संगति से सुनहरा भविष्य का निर्माण होता है। मनुष्य को कुछ समय के लिए संस्कार रूपी किताब को भी पलटना आवश्यक है।


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