टैक्स से बचने को मंडी से दूर हुए व्यापारी
जागरण संवाददाता गाजीपुर पूर्वांचल की प्रसिद्ध कृषि मंडी जंगीपुर में व्यापारी मंडी टैक्स बचाने के लिए बाहर ही अनाज की खरीद कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : पूर्वांचल की प्रसिद्ध कृषि मंडी जंगीपुर में व्यापारी मंडी टैक्स बचाने के चक्कर में बाहर ही अनाज की खरीदारी कर रहे हैं। लिहाजा मंडी में बहुत कम ही लोग अनाज बेचने जा रहे हैं। ऐसे में मंडी समिति परेशान है। वहीं बाहर अनाज बेचने से किसानों का भी नुकसान हो रहा है। पहले मंडी समिति को व्यापारियों से जहां प्रति महीने औसत 50 से 60 लाख रुपये टैक्स मिलता था, अब यह घटकर पांच से छह लाख रुपये रह गया है। किसी महीने में तो दो से तीन लाख तक पहुंचना मुश्किल हो जा रहा है।
----- मंडी समिति में पंजीकृत हैं 60 व्यापारी
- नवीन कृषि मंडी में कुल 69 व्यापार पंजीकृत हैं। बिना लाइसेंस के खाद्यान्न की खरीद-बिक्री करना अवैध माना जाता है। पहले सभी व्यापारी मंडी के अंदर ही खरीद-बिक्री करते थे। इससे यहां काफी भीड़ रहती थी। यहां पर गाजीपुर के अलावा आसपास के जिलों मऊ, आजमगढ़, बलिया, चंदौली व वाराणसी के व्यापारी भी आते हैं। जब से बाहर खरीदारी की छूट मिली, तबसे पूरी मंडी खाली हो गई। अब मुश्किल से 10 फीसद पंजीकृत व्यापारी ही मंडी में रहकर काम कर रहे हैं। शेष बाहर ही खरीदारी कर रहे हैं।
------ किसानों को नहीं मिल पर उचित मूल्य
- पहले किसान मंडी में अपना अनाज लेकर आते थे तो वहां एक ही जगह दर्जन भर व्यापारी उसका मोल-भाव करते थे, जो सबसे ज्यादा रेट देता था, किसान उसे बेचते थे। मंडी के बाहर व्यापारी दूर-दूर छिटके हुए हैं। जिसकी जहां स्टोर करने की व्यवस्था है, वहीं आढ़त खोल लिया है। इनके दलाल किसानों को मंडी के बाहर ही रोक लेते हैं और मनमाने कीमत पर उनका अनाज खरीदते हैं। किसान को पता ही नहीं चल पाता कि सही रेट क्या चल रहा है आज का।
------ टैक्स भरने वाले व्यापारी परेशान
- जो व्यापारी सरकार को टैक्स नहीं दे रहे हैं, वह मालामाल हो रहे हैं, और जो व्यापारी मंडी समिति में खरीद-बिक्री कर टैक्स दे रहे हैं वह लुट रहे हैं। एक तो उनके पास अनाज बेचने वाले किसान या छोटे व्यापारी पहुंच नहीं पा रहे हैं, ऊपर से टैक्स भी देना है। इससे उनका धंधा चौपट हो रहा है।
------- बोले व्यापारी. :
मंडी के अंदर काम करने वाले व्यापारी संतोष यादव व बलवंत ने बताया कि पहले किसानों के अनाज की बोली लगती थी, अधिक रेट देने वाले को किसान बेचता था, लेकिन अब किसानों को बाहर ही रोक लिया जा रहा है। रामभरोस व राजू सिंह का कहना है कि हम लोग सरकार को टैक्स दे रहे हैं, इसके बाद भी हमारा धंधा चौपट तो रहा है। जो टैक्स नहीं दे रहे, वह मालामाल हो रहे हैं। गोविद व पप्पू ने बताया कि अब मंडी की हालत काफी खराब हो गई है। यही हाल रहा तो जल्दी ही इसे बंद करने की नौबत आ जाएगी।
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- कुछ को छोड़ अधिकतर व्यापारी मंडी समिति के बाहर खाद्यान्न की खरीद-बिक्री कर रहे हैं। इससे मंडी समिति की कमाई लगभग काफी कम हो गई है।
- राजेश यादव, सचिव, नवीन कृषि मंडी समिति जंगीपुर।