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भगवान के विभिन्न अवतारों की बताई महत्ता

क्षेत्र के अमेहता में चल रहे भागवत कथा में चौथे दिन सोमवार को वृंदावन से आए कथावाचक दीपक कृष्णशास्त्री ने परीक्षित के जीवन चरित्र सुखदेव का वृतांत और कलयुग व महाराज परीक्षित के बीच संवाद कलयुग का आगमन व भगवान ब्रह्मजी की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से वर्णन किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 05:10 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 05:10 PM (IST)
भगवान के विभिन्न अवतारों की बताई महत्ता
भगवान के विभिन्न अवतारों की बताई महत्ता

जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : क्षेत्र के अमेहता में चल रहे भागवत कथा में चौथे दिन सोमवार को वृंदावन से आए कथावाचक दीपक कृष्णशास्त्री ने परीक्षित के जीवन चरित्र, सुखदेव का वृतांत और कलयुग व महाराज परीक्षित के बीच संवाद, कलयुग का आगमन व भगवान ब्रह्मजी की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने भगवान कपिल अवतार का प्रसंग के साथ ही भगवान के विभिन्न अवतारों की महत्ता समझाई। भागवत महत्ता समझाते हुए कहा कि इसके चार अक्षर का तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त से त्याग होता है। स्वामी हरिहरानंद के सानिध्य में आयोजित कथा सागर में प्रतिदिन शाम को छह बजे से बड़ी संख्या में स्त्री-पुरुष श्रद्धालु भागवत के कथा सागर में गोते लगाते हैं। सहयोगी राकेश मिश्रा, तहसीलदार सिंह, श्यामाचरण मिश्रा, कैलाश श्रीवास्तव, अशोक गुप्ता, ऋषिकेश सहित क्षेत्रीय श्रद्धालुओं की सहभागिता से यह आयोजन हो रहा है। ग्रामप्रधान सरिता मिश्रा ने बताया कि 29 अक्टूबर को महायज्ञ की पूर्णाहुति एवं महाप्रसाद के भंडारे का आयोजन किया गया है।

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